नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को उन खबरों से इनकार किया, जिनके मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘गांधी परिवार’ के बारे में सूचना के बदले भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी मरीनों की रिहाई से संबंधित समझौता अपने इटली के समकक्ष से किया है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सवाल किया कि क्या मोदी और उनके इतालवी समकक्ष मतेयो रेंजी के बीच इस तरह का कोई सौदा हुआ है? इसके बाद जेटली का यह जवाब आया।
अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के बारे में आजाद ने कहा, “मोदी ने गांधी परिवार के बारे में सूचना देने के बदले मरीनों को छोड़ने की पेशकश की है।”
आजाद के मुताबिक, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे के बिचौलिये ने अंतर्राष्ट्रीय अदालत में दिए अपने सनसनीखेज बयान में कहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री ने इतालवी मरीनों के मामले में इटली के प्रधानमंत्री के साथ सितंबर 2015 में संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक के दौरान समझौते की कोशिश की थी।
उन्होंने कहा, “उनके मुताबिक दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच बनी सहमति के बाद ही दूसरे पक्ष से यह निर्णय आया और अब भारत सरकार इतालवी मरीनों को उनके घर जाने दे रही है। साफ है कि समझौता हुआ। मैं सरकार से जानना चाहता हूं कि क्या इस तरह की कोई बैठक हुई थी?”
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड समझौते में ‘भ्रष्टाचार’ को भांपते ही संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने इस कंपनी को प्रतिबंधित कर दिया और इसकी सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय से जांच का आदेश देते हुए समझौता रद्द कर दिया था।
आजाद ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने प्रतिबंधित सूची में डाली गई कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड को मेक इन इंडिया में हिस्सा लेने की अनुमति क्यों दी?
जेटली ने हालांकि मोदी और इटली के प्रधानमंत्री के बीच बैठक से संबंधित खबरों को पूरी तरह गलत बताया।
जेटली ने कहा, “मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि विपक्ष के नेता जिस रिपोर्ट की बात कर रहे हैं, वह पूरी तरह से गलत है। ऐसी कोई बैठक नहीं हुई थी।”