काठमांडू, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। नेपाल से हर साल आठ हजार से अधिक लोगों की तस्करी होती है। यह खुलासा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की हाल की रिपोर्ट से हुआ है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार सोमवार को जारी राष्ट्रीय रिपोर्ट में एनएचअरसी ने कहा है कि पिछले दो वित्त वर्षो, 2013-14 और 2014-15 में नेपाल से करीब 16000 लोगों की तस्करी हुई जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे।
रिपोर्ट से यह पता चला है कि इनमें से कुछ ही मामले नेपाल पुलिस में दर्ज कराए गए। 2013-14 में 185 और 2014-15 में 181 मामले नेपाल पुलिस में दर्ज कराए गए थे।
रिपोर्ट के अनुसार 2015 के भूकंप के बाद बाहर जाने से रोके गए मजबूर लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। भूकंप से पहले और उसके तीन महीने बाद रोके गए लोगों की संख्या में 15 फसदी वृद्धि दर्ज की गई।
भूकंप के बाद पहले तीन महीने में नेपाल से 12000 से अधिक महिलाएं और बच्चे गायब हो गए।
एनएचआरसी के अनुसार मानव तस्करी रोकने के लिए नेपाल सरकार ने कई कानून बनाए हैं, लेकिन पीड़ितों की पहुंच अभी तक इस मामले में न्याय तक नहीं हो सकी है।
अध्ययन के अनुसार अधिकांश पीड़ित तस्करी कर भारत भेजे गए थे, लेकिन देश के अंदर और खाड़ी देशों में भेजे जाने के कुछ मामले भी हैं।
नेपाल की भारत और चीन से लगी आधिकारिक सीमाएं ही मानव तस्करी के मार्ग हैं।
चीन और दक्षिण कोरिया में शादी के लिए नेपाली लड़कियों की तस्करी भी बढ़ रही है।
रिपोर्ट कहती है, “आंकड़े बताते हैं कि मानव तस्करी कई उद्देश्यों के लिए होती है जिनमें खास तौर से यौन शोषण, श्रम शोषण और अन्य उद्देश्य जिनमें विवाह और अवैध तरीके से अंगों को निकालना शामिल हैं।”
रिकार्ड बताते हैं कि अधिकांश मानव तस्करी के मामले पूर्वी नेपाल के झापा और मोरंग जिले के थे, जिनमें अधिकांश पीड़ित नेपाल के मूल निवासी थे।