बीबीसी की खाद्य स्वच्छता पर चलाए जा रहे ‘रिप ऑफ ब्रिटेन’ कार्यक्रम के तहत एक गुप्तचर शोधार्थी ने इस पकड़ा। वह ब्रिटेन के बड़े-बड़े रेस्तराओं और टेक अवे के भोजन की गुणवत्ता की जांच कर रहा है।
इस आइस सैंपल का अध्ययन करनेवाले लीड बैकलीट विश्वविद्यालय की मार्गरीटा गोम्ज इस्कालादा ने बताया, “हमने आइस में बैक्टीरिया का काफी उच्चस्तर पाया है। मल में पाए जानेवाले बैक्टीरिया की मौजूदगी इस बात की तरफ इशारा करती है कि या तो जिस पानी से आइस बनाया गया, वह संक्रमित था या फिर आइस बनाने की प्रक्रिया के दौरान संक्रमण हुआ। इस आइस को खाकर बीमार पड़ने का खतरा काफी अधिक है।”
केएफसी ने कहा है कि वह आइस के जांच के नतीजों से काफी निराश है और इस संबंध में एक जांच शुरू की गई है। रेस्तरां ने साथ ही कहा है कि वह खाद्य पदार्थो की सुरक्षा और स्वच्छता को काफी गंभीरता से लेता है।
बीबीसी कार्यक्रम के गुप्तचर शोधार्थी ने कई अन्य मशहूर रेस्तरांओं का भी दौरा किया और हर जगह आइस वॉटर की मांग की। क्योंकि इसकी जांच से रेस्तरां के स्वच्छता के पैमाने की अच्छी तरह परख की जा सकती है।
बीबीसी ने कहा है कि इस जांच में ज्यादातर नमूने में बेहद कम या अहानिकारक बैक्टीरिया पाए गए।