नई दिल्ली, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार तड़के राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय में भीषण आग लग गई, जिससे कई जीवाश्म सहित बेशकीमती संकलन खाक हो गया।
आग लगने की घटना से सन्न पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर देश के सभी संग्रहालयों का तुरंत फायर ऑडिट करने का आदेश दिया है। आग की इस घटना के बाद यह बात सामने आई है कि राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय की अग्निशमन प्रणाली काम करने में नाकाम रही।
संग्रहालय में आग तड़के लगभग 1.50 बजे लगी और देखते ही देखते बहुमंजिली इमारत में फैल गई। संग्रहालय के पास ही नेपाल का दूतावास और करीब तीन किलोमीटर आगे संसद भवन है।
हैरान जावड़ेकर ने कहा, “संग्रहालय फिक्की की संपत्ति है। हम यथासंभव नुकसान का आकलन करेंगे और देखेंगे कि इसे दोबारा कैसे शुरू कर सकते हैं।”
वहीं, संग्रहालय के अधिकारियों ने आग से हुए नुकसान के बारे में अपेक्षाकृत अधिक स्पष्ट रूप से बताया।
एक अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया, “सब कुछ बर्बाद हो गया है। कुछ आग से, कुछ गैस से और कुछ आग बुझाने के लिए प्रयुक्त हुए पानी से बर्बाद हो गया।”
संग्रहालय के अधिकारी विकास राणा ने कहा, “संग्रहालय में कई जीवाश्म एवं प्रजातियां थीं। सब नष्ट हो गया। दिल्ली और पास के क्षेत्रों के करीब 3,000 बच्चे रोजाना संग्रहालय आया करते हैं।”
आग बुझाने के लिए दमकल के 35 वाहनों को भेजा गया था। सुबह छह बजे तक आग पर आधिकारिक रूप से काबू पा लिया गया था। ऊपरी तौर पर देखा जाए तो आग में संग्रहालय की कोई भी कीमती चीज नहीं बचाई जा सकी।
दिल्ली के अग्निशमन सेवा प्रमुख जी.सी. मिश्रा ने इस अनहोनी के लिए एक ‘इलेक्ट्रिक गैजेट’ को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने आईएएनएस को बताया, “आग लगने में मानवीय हस्तक्षेप शामिल नहीं है। आग सातवीं मंजिल से लगनी शुरू हुई। हमने हालांकि आग पर पूरी तरह काबू पा लिया है, लेकिन कूलिंग ऑपरेशन अब भी जारी है।”
आग बुझाने के दौरान पांच दमकलकर्मी घायल हो गए थे, जिन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1972 में 25वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय बनाने का विचार रखा था।
संग्रहालय का उद्घाटन 1978 में हुआ था, उस दिन इत्तेफाक से विश्व पर्यावरण दिवस था।
संग्रहालय में स्थायी व अस्थायी दोनों गैलरियां हैं और इसमें प्रशिक्षित शैक्षिक सहायकों द्वारा टूर कराए जाने की व्यवस्था है।