नई दिल्ली, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत इस साल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने में चीन को पीछे छोड़ सकता है। यह बात जापान की वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा ने कही है।
नोमुरा ने एक शोध रपट में कहा, “हमारा मानना है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात के रूप में भारत में एफडीआई 2016 में चीन से अधिक रह सकता है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर ऊर्जा, वाहन, रक्षा और रेलवे में बड़े निवेश के वादे किए हैं।”
रपट में कहा गया है, “इस सुधार के मिल रहे अनुकूल परिणामों के शुरुआती संकेत भी समझे जा सकते हैं।”
रपट में चीन के मुकाबले भारत में एफडीआई के कई कारण बताए गए हैं, जिनमें दोनों देशों के अलग-अलग विकास परिदृश्य, भारत में एफडीआई उदारीकरण और आर्थिक सुधार की जारी प्रक्रिया और चीन में बढ़ती श्रम लागत शामिल हैं।
सरकार ने सोमवार को कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में अप्रैल से फरवरी महीने के बीच भारत में रिकार्ड 51 अरब डॉलर एफडीआई आया है।
अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने भी इस महीने के शुरू में कहा है कि भारत में बढ़ते एफडीआई से चालू खाता घाटा कम करने और विदेशी ऋण घटाने में मदद मिलेगी।
जनवरी 2016 में देश में तीन अरब डॉलर एफडीआई आया, जो अब तक किसी भी एक महीने का सर्वाधिक है।