अगर आपमें संगीत अथवा किसी कला के प्रति विशेष आकर्षण है तो इसका कारण आपका जन्म समय हो सकता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर किसी व्यक्ति का जन्म स्वाति नक्षत्र में होता है तो उनमें कलात्मक अभिरूचि अधिक होती है।
इसका कारण यह है कि इस नक्षत्र पर ज्ञान और कला की देवी सरस्वती का प्रभाव होता है। इनके अलावा वायु का भी इन पर प्रभाव होता है। राहु इस नक्षत्र का स्वामी है और इसके सभी चरण तुला राशि में आते हैं। इसलिए तुला राशि वालों पर इसका प्रभाव देखा जाता है। जिन लोगों का जन्म इस नक्षत्र में होता है वह शौकीन और रोमांटिक भी खूब होते हैं।
विपरीत लिंग के व्यक्तियों के प्रति इनमें विशेष आकर्षण रहता है, यही कारण है कि इनके मित्रों में विपरीत लिंग के व्यक्तियों की संख्या अधिक होती है। राहु के प्रभाव के कारण कूटनीतिक चाल और चतुराई से अपना काम निकालना भी इन्हें खूब आता है। ऐसे व्यक्ति प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से राजनीति से जुड़े रहते हैं।
स्वाति नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति की एक बड़ी विशेषता होती है कि यह बहुत हंसमुख होते हैं। लोग इनकी ओर जल्दी आकर्षित होते हैं इसलिए दोस्ती का दायरा बड़ा होता है। धर्म-कर्म में इनकी रूचि रहती है और पारिवारिक जीवन में तालमेल बनाए रखने में सफल होते हैं।
चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति
जब कभी भी इनकी स्वतंत्रता को बांधने का प्रयास किया जाता है अथवा इन्हें कम महत्व मिलता है तब तीव्र प्रतिक्रिया करते हैं। ऐसे व्यक्ति दिखने में आमतौर पर सुन्दर होते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से शरीर का निचला भाग अधिक संवेदनशील होता है। इन लोगों को वायु विकार उत्पन्न करने वाले आहारों से बचना चाहिए।
आंतों एवं छाती से संबंधित परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। स्वाति नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति आर्थिक दृष्टि से संपन्न होते हैं। भौतिक सुख-सुविधा के साधन जुटाने में इन्हें सफलता मिलती है।