नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने रविवार को सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की और संसद सत्र के सुचारु संचालन का आग्रह किया। सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है।
बैठक में उन उपायों पर चर्चा की गई जो संसद की कार्यवाही को बिना किसी बाधा के सुनिश्चित कर सकें। संसद का सत्र 13 मई तक चलेगा।
उत्तराखंड में हरीश रावत सरकार की बर्खास्तगी और प्रदेश में लगाए गए राष्ट्रपति शासन पर कब और कैसे चर्चा हो, इस पर मतभेद बना रहा। लेकिन, लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलने देने के लिए सदन में सभी दलों के नेताओं से सहयोग की अपील की।
सुमित्रा महाजन ने बाद में संवाददाताओं से कहा, “सभी दलों के नेताओं ने वादा किया कि वे सत्र को परिणामदायक बनाने में सहयोग करेंगे।”
संसद का सत्र 25 अप्रैल से शुरू होगा। उत्तराखंड की वित्तीय आवश्यकताओं के मद्देनजर अध्यादेश लाने के लिए गत माह बजट सत्र का अवसान कर दिया गया था। उत्तराखंड में 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन लगाया था।
सरकारी सूत्रों के अनुसार सरकार दोनों सदनों में सूखा और उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करने समेत सभी मुद्दों पर सशर्त बहस के लिए है।
एक सूत्र के अनुसार एक सरकारी प्रतिनिधि ने बैठक में कहा, “अदालत में लंबित मामलों को छोड़कर हम लोग सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं।”
बाद में सुमित्रा महाजन ने भी कहा, “उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन का मुद्दा अदालत में लंबित है। मैं नहीं समझती हूं कि 27 अप्रैल से पहले इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है।”
सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन हटाने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के फैसले पर 27 अप्रैल तक रोक लगा दी है।
एक संसदीय अधिकारी ने कहा, “सामान्य तौर पर बजट सत्र दो भागों में होता था, लेकिन इस बार यह बिल्कुल नया सत्र होगा, क्योंकि उत्तराखंड में संवैधानिक जरूरतों को पूरा करने करने के लिए दोनों सदनों के सत्रों का अवसान हो गया था।”
बैठक में भाग लेने वालों में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी एवं राजीव प्रताप रूड़ी भी शामिल थे।
महाजन ने संवाददाताओं से कहा, “सभी दलों ने देश के कई भागों में सूखे के मुद्दे को उठाया।”
सरकारी सूत्रों के अनुसार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक समेत अन्य महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने के लिए सरकार, विपक्षी दलों का सहयोग लेने का प्रयास करेगी। सरकार को उम्मीद है कि इस मामले उसे सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
जानकार सूत्रों ने कहा कि शत्रु संपत्ति अध्यादेश की जगह विधेयक लाने के अलावा दिवाला और दिवालियापन संहिता विधेयक और कंपनी संशोधन विधेयक को पास कराने के प्रयास होंगे।
भाजपा के नेताओं ने कहा कि इशरत जहां और मालेगांव विस्फोट के मामले को खास तौर से लोकसभा में प्रमुखता से उठाया जा सकता है।
उधर, राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने उच्च सदन में उत्तराखंड संकट पर चर्चा के लिए प्रश्नकाल के निलंबन का नोटिस दिया है।
इस बीच, कुछ राज्यों में चुनाव प्रचार चरम पर होने के मद्देनजर कुछ सांसदों ने सत्र के समय को लेकर शिकायत की है।