नई दिल्ली।। उत्तराखंड में इस सप्ताह फिर भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के मुताबिक, गुरुवार के बाद राज्य में 16 और 17 जून जैसी भारी बारिश होने की संभावना है। करीब 500 लोग अभी फंसे हुए हैं और राहत अभियान अभी जारी है, ऐसे में भारी बारिश से कोढ़ में खाज जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। पिछली बार मौसम विभाग की चेतावनी पर राज्य सरकार ने ध्यान नहीं दिया था और बड़ी त्रासदी सामने आई। ऐसे में उम्मीद है कि राज्य सरकार इस बार अलर्ट को अनसुना नहीं करेगी।
दिल्ली में मौसम विभाग ने कहा है कि 4 से 7 जुलाई के दौरान उत्तराखंड के कई हिस्सों में 70-130 मिमी बारिश के आसार है। 16 और 17 जून को 300 मिमी बारिश हुई थी। इस तरह उतनी बारिश तो नहीं होगी लेकिन राज्य में हालात पहले से ही काफी खराब हैं। कई इलाकों में सड़कें बह चुकी हैं और कई गांवों का राज्य के बाकी हिस्से से संपर्क कट चुका है। ऐसे में मध्यम स्तर की वर्षा से भी राहत काम ठप हो सकता है। अलर्ट में कहा गया है कि 5 और 6 जुलाई को सबसे अधिक वर्षा होगी। एक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के संकेत मिल रहे हैं। फिलहाल इसे मॉनीटर किया जा रहा है।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत काम तेज करने में प्रशासन को पसीने छूटने लगे हैं। टूटी सड़कें और संपर्क मार्ग इस राह में बड़ी अड़चन साबित हो रहे हैं। बदरीनाथ में सोमवार को बचाव अभियान जारी रहा। रविवार को फंसे यात्रियों की संख्या मात्र तीन सौ बता रहे प्रशासन के अनुसार सोमवार को बदरीनाथ से कुल 1041 यात्री निकाले गए। प्रशासन के मुताबिक, बदरीनाथ से लगभग 150 लोग और निकाले जाने हैं। उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे उत्तरकाशी से गंगोत्री तक अभी भी 8 स्थानों पर बंद है, जबकि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी हनुमान चट्टी से लेकर यमुनोत्री तक बंद है। ऐसे में प्रशासन के लिए राहत पहुंचना चुनौती बना हुआ है।