समिति पदोन्नतियों में आरक्षण के लिए संविधान में 117वें संशोधन संबंधी विधेयक को पास कराने व उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कथित रूप से किए जा रहे दलित उत्पीड़न के खिलाफ संघर्षरत है।
समिति के मुताबिक, संयोजक मंडल सोनिया के समक्ष यह मांग रखेगा कि बजट सत्र के द्वितीय चरण में कांग्रेस लोकसभा में प्रभावी ढंग से पदोन्नति संबंधी विधेयक का मुद्दा उठाकर मोदी सरकार को इस पारित करने के लिए मजबूर करे।
संघर्ष समिति के संयोजकों ने कहा कि बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि संघर्ष समिति का संयोजक मंडल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से लखनऊ में मुलाकात कर इस मुद्दे को जोरशोर से उठाने की मांग की थी, जिस पर उन्होंने सहमति व्यक्त की थी। लेकिन अभी तक कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे पर लोकसभा में एकजुट होकर मोदी सरकार पर हमला नहीं बोला गया है।
संयोजकों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरे प्रदेश में दलित सम्मेलन करा रही है, लेकिन इससे कुछ होने वाला नहीं है। उसे आगे आकर अपने अधूरे कार्य को पूरा कराने में ईमानदारी दिखानी होगी।
गौरतलब है कि कांग्रेस के कार्यकाल में राज्यसभा से पारित विधेयक आज तक लोकसभा में लंबित है, उसके मुख्य क्या कारण हैं, यह कांग्रेस को भलीभांति पता है। इसलिए कांग्रेस पार्टी का यह नैतिक कर्तव्य बनता है कि वह ‘करो या मरो’ की तर्ज पर इस मुद्दे को उठाए।