अहमदाबाद, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। गुजरात में जेल में बंद अपने नेताओं की रिहाई के लिए पाटीदारों (पटेल) का आंदोलन रविवार को उग्र हो गया। पुलिस से झड़प और आगजनी के बाद मेहसाणा शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया।
प्रशासन ने हिंसा के बाद मेहसाणा में इंटरनेट सेवाएं रोक दीं और आरक्षण समर्थक पटेलों के गढ़ अहमदाबाद और सूरत के अलावा उत्तरी गुजरात के सभी शहरों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया।
मेहसाणा में 1,000 से अधिक और सूरत में 500 से ज्यादा पटेल प्रदर्शनकारियों को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया। दोनों स्थानों पर जिला कारागारों के नजदीक बड़ी संख्या में लोग निषेधाज्ञा की अवज्ञा करने के लिए इकठ्ठा हुए थे।
पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए दो दर्जन से भी ज्यादा आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की।
सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) के संयोजक लालजी पटेल के समर्थक पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंक रहे थे। इसी दौरान लालजी पटेल के सिर में चोटें लग गईं।
पटेल को भी उनके समर्थकों सहित एहतियातन हिरासत में ले लिया गया।
एसपीजी ने पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ सोमवार को गुजरात बंद का आह्वान किया है।
एसपीजी हार्दिक पटेल के पाटीदार अनामत आंदोलन समिति जैसा ही आरक्षण समर्थक समूह है। यह पटेलों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण दिलाने के लिए पिछले आठ महीनों से ज्यादा से आंदोलन कर रहा है।
जेल में बंद पटेल नेताओं की रिहाई और उनके खिलाफ दर्ज मामले रद्द किए जाने की मांग को लेकर रविवार का जेल भरो आंदोलन किया गया था।
एसपीजी ने इससे पहले घोषणा की थी कि अगर उसकी मांग 17 अप्रैल तक नहीं मानी गई तो वह आंदोलन के दूसरे चरण की शुरुआत करेगा।