नई दिल्ली। चुनाव आयोग भाजपा के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे को नोटिस जारी कर उस टिप्पणी पर जवाब देने को कहेगा, जिसमें मुंडे ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में उन्होंने करीब आठ करोड़ रुपये खर्च किए थे। इधर इस मामले में कांग्रेस भी हमलावर रुख अख्तियार कर चुकी है। कांग्रेस नेता संजय निरुपम मुंडे की लोकसभा की सदस्यता भंग करने मांग की है। यह राशि चुनाव में खर्च की आयोग की निर्धारित सीमा 25 लाख रुपये से बहुत ज्यादा है। जानकारी के मुताबिक उन्हें इसका जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाएगा। शुक्रवार को मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपथ की अध्यक्षता में हुई चुनाव आयोग की पूर्ण बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी।
मुंडे के दिए बयान के बाद कांग्रेस-राकांपा सहित कई अन्य दलों की तरफ से उन पर कार्रवाई की मांग की जा रही है। मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई आयोग की बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा। आयोग ने मुंडे के भाषण की सीडी मंगाकर देखने के बाद ही किसी भी तरह की कोई कार्रवाई करने का फैसला किया।
मुंडे ने गुरुवार शाम एक पुस्तक के लोकार्पण समारोह में बोलते हुए पिछले चुनाव में आठ करोड़ रुपये खर्च करने का दावा किया था। इस समारोह में भाजपा चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष एवं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी भी मौजूद थे। चूंकि लोकार्पित हो रही पुस्तक का विषय लोकतंत्र से संबंधित था, इसलिए इस विषय पर बोलते-बोलते मुंडे काफी आगे बढ़ गए।
जोश में वह कह बैठे, कि 1980 में मैंने अपना पहला विधानसभा चुनाव सिर्फ 29000 रुपये में लड़ा था। लेकिन 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ते समय हमें आठ करोड़ रुपये खर्च करने पड़े। वह यहीं नहीं रुके, अपनी बात खत्म करते उन्होंने कहा, अगर चुनाव आयोग मेरी बात सुन भी रहा हो तो अब तो मेरे कार्यकाल के सिर्फ आठ महीने ही शेष बचे हैं।
गौरतलब है कि मुंडे का यह बयान हल्के-फुल्के अंदाज में ही दिया गया था। उनके कहने का आशय था कि चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित खर्च सीमा में चुनाव लड़ा ही नहीं जा सकता। 2009 में तो लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए खर्च सीमा सिर्फ 25 लाख रुपये थी। फरवरी 2011 में इसे बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दिया गया। मुंडे का कहना था कि सरकारी वित्तपोषण से ही चुनाव में कालेधन का प्रयोग रोका जा सकता है। लेकिन उनके राजनीतिक विरोधी उनके इस बयान पर उन्हें घेरने में लग गए हैं।
महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक के कांग्रेस-राकांपा नेता चुनाव आयोग से उन पर कार्रवाई की मांग करने लगे हैं। महाराष्ट्र के गृह मंत्री व राकांपा नेता आरआर पाटिल ने आयोग से इस मामले का संज्ञान लेते हुए मुंडे के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। जबकि कांग्रेस की ओर से केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने मोर्चा खोला। तिवारी ने कहा, अगर मुंडे ने 25 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किया है तो इस पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए। इस बारे में भाजपा नेता से आयोग को पूछताछ करनी चाहिए।