मुंबई, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। यहां मेरीटाइम इंडिया सम्मेलन 2016 के दूसरे दिन शुक्रवार को केंद्रीय जहाजरानी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारी-भरकम लॉजिस्टिक खर्च की वजह से भारतीय कंपनियां अपने कारोबार का वैश्विक विस्तार नहीं कर पाती हैं और जहाजरानी मंत्रालय सागरमाला परियोजना के तहत इस खर्च को कम करने का प्रयास करेगा।
गडकरी ने कहा, “देश में इस समय लॉजिस्टिक खर्च 18 फीसदी है, जबकि चीन में यह आठ फीसदी है। हम सागरमाला परियोजना के तहत इस खर्च को घटाकर 10 फीसदी तक लाना चाहते हैं।” उन्होंने साथ ही कहा कि देश के आंतरिक हिस्से में संपर्क अवसंरचना बेहतर कर परिवहन क्षेत्र की विकट लॉजिस्टिक समस्या का समाधान कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, “सागरमाला परियोजना शुरू कर हमने अपनी पहल कर दी है। अब वैश्विक निवेशक अपनी पसंद की परियोजनाओं में निवेश कर सकते हैं।”
बयान में कहा गया है कि माल ढुलाई के लिए रेल और सड़क संपर्क बढ़ाने पर चार लाख करोड़ रुपये निवेश का प्रस्ताव मिला है। भूतल परिवहन मंत्रालय ने माल ढुलाई में सुधार लाने के लिए रेलवे के साथ साझेदारी भी की है।
सरकार इसके साथ ही सभी गोदामों को शहर से बाहरी इलाकों में ऐसे शहरों में मौजूद 300 रिंग रोडों के पास स्थानांतरित करना चाहती है।
गडकरी ने कहा, “गोदामों से शहर या रेलवे यार्ड या बंदरगाह तक माल ढुलाई के मामले में यातायात जाम एक बड़ी समस्या होती है। हम इन गोदामों को (शहरों से बाहर) रिंग रोड पर स्थानांतरित करना चाहते हैं, ताकि परिवहन में सुविधा हो।”