भोपाल, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। घर से बाहर शिशुओं को स्तनपान कराने में महिलाओं को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए मध्य प्रदेश के 47 जिले में सार्वजनिक स्थानों पर 567 ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर स्थापित किए गए हैं। यह जानकारी राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री माया सिंह ने दी।
मंत्री माया की ओर से शुक्रवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कुपोषण खत्म करने की दिशा में एकीकृत बाल विकास परियोजना ने ठोस पहल की है। इसी के तहत ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर स्थापित किए जा रहे हैं। आने वाले समय में सभी स्थानों पर ऐसे कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे, ताकि मां को अपने शिशु को दूध पिलाने में कोई असुविधा न हो।
उन्होंने बताया कि नवजात शिशु के लिए मां का दूध बहुत जरूरी है। कुपोषण मिटाने में इसकी अहम भूमिका है। मां का दूध बच्चों को रोगों से लड़ने की क्षमता देता है और उन्हें मृत्यु से भी बचाता है।
मंत्री ने विभिन्न सर्वेक्षणों का हवाला देते हुए कहा कि शिशु के जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान की शुरुआत कराकर लगभग 22 प्रतिशत और छह माह की उम्र तक केवल स्तनपान कराकर 15.6 प्रतिशत शिशुओं को बचाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बच्चे को मां का दूध अनिवार्य रूप से छह माह तक मिले, इसके लिए सरकार ने ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर स्थापित करने का निर्णय लिया है।
माया सिंह ने आगे बताया है कि उन्होंने रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में भी ऐसे कॉर्नर स्थापित करने के लिए रेलमंत्री को पत्र लिखा, जिस पर उनकी ओर से सहयोग मिला। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर भी ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर स्थापित किए गए हैं। इससे महिलाएं अपने शिशु को बिना संकोच के दूध पिला सकेंगी।