मामले के अनुसार, 8 अप्रैल 2009 को वादी उत्तम सिंह पुत्र संतराम निवासी सुंगरा कुलपहाड़ महोबा ने कुरारा थाने में तहरीर देकर पुलिस को बताया था कि उसकी बेटी पुनिया उर्फ कमलेश कुमारी अपने नाना देव सिंह निवासी करियापुर के यहां रहती थी और मुमताज इंटर कॉलेज कदौरा में इंटर की परीक्षा दे रही थी।
गांव की ही रन्नो के साथ उसकी मित्रता थी और दोनों एक साथ विद्यालय पढ़ने जाती थीं। रन्नो के चाल चलन के बारे में जब पुनिया को पता चल गया तो उसे बुरा मानने लगी।
इसी बात को लेकर रन्नो ने अपने भाइयों कमल सिंह व मंगल सिंह के साथ मिलकर 8 अप्रैल 2009 की सुबह साढ़े 5 बजे करियापुर से दो किलोमीटर दूर रामसजीवन गुप्ता के खेत के पास कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी।
वहीं आज मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश राधेश्याम यादव ने हत्या के मामले में रन्नो व उसके दोनों भाई कमल सिंह, मंगल सिंह पुत्र विंद्रावन को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इस मुकदमे की पैरवी शासकीय अधिवक्ता देव सिंह यादव ने की।