नई दिल्ली, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। राज्यसभा के सभापति व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने जनता दल (युनाइटेड) के राज्यसभा सदस्य अनिल साहनी के खिलाफ मुकदमा आगे बढ़ाने की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को मंजूरी दे दी। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
मामला फर्जी बोर्डिग पास व बिलों के आधार पर सांसद द्वारा राज्यसभा सचिवालय से भुगतान लेने से जुड़ा है।
साहनी ने दावा किया है कि उन्हें फंसाया गया है।
राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक, ऐसा पहली बार हुआ है, जब राज्यसभा के सभापति ने इस तरह की मंजूरी दी है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि इस मामले में बीते साल आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है और राज्यसभा के सभापति की मंजूरी के बाद ‘आगे की कार्रवाई’ की जाएगी, जिसमें सांसद की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
संसद या विधानसभा के सदस्यों को लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति या विधानसभा अध्यक्ष की मंजूरी के बिना गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
ऐसा पहली बार हुआ है, जब राज्यसभा के सभापति ने इस तरह की मंजूरी दी है। इससे पहले, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार साल 2010 में सवाल पूछने के लिए पैसे लेने के मामले में कांग्रेस सांसद राजाराम पाल तथा वोट के लिए पैसे लेने के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद अशोक अरगल की गिरफ्तारी की मंजूरी दे चुकी हैं।
जांच में यह बात सामने आई थी कि साहनी व अन्य तीन आरोपियों ने कथित तौर पर फर्जी ई-टिकट व फर्जी बोर्डिंग पास के आधार पर राज्यसभा को 23.71 लाख का चूना लगाया।
साहनी ने हालांकि आरोपों से इंकार किया है।
उन्होंने कहा, “संसदीय प्रक्रिया के तहत मंजूरी दी गई है। वे कह रहे हैं कि मैंने 23 लाख रुपये लिए। यदि मेरे खाते में 23 पैसा भी निकला तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।”
उन्होंने कहा, “यह मेरे खिलाफ साजिश है, क्योंकि मैं गरीबों व दलितों का मुद्दा उठाता रहा हूं।”
साहनी ने कहा, “मैं सभापति से पूछूंगा कि मैंने वे तमाम दस्तावेज व अकाउंट स्टेटमेंट्स उन्हें सौंप दिए हैं, जो यह साबित करते हैं कि मैंने कोई पैसा नहीं लिया है। सीबीआई आखिर कैसे मेरे खिलाफ मुकदमा कर रही है।”