बान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवाद से संबंधित एक बैठक में कहा कि पूरे विश्व से 30,000 से ज्यादा लोग इराक और सीरिया में सक्रिय आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े हैं। यह दिखाता है कि आईएस किस प्रकार महिलाओं एवं लड़कियों सहित युवाओं को चरमपंथ की विचारधारा से प्रभावित करने की क्षमता रखता है और इसके लिए उसने इंटरनेट तथा सोशल मीडिया का खूब इस्तेमाल किया।
बैठक में बान ने कहा, “हम सभी को वैश्विक और क्षेत्रीय उपाय निकालते हुए इंटरनेट और सोशल मीडिया की मदद से होने वाली इस भर्ती प्रक्रिया को रोकना चाहिए। इस कार्य में सरकार, निजी उद्यम और समाज को भी शामिल होना चाहिए।”
बान ने कहा, “इस ऑनलाइन कट्टरता के खतरे का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विधायी और कानून प्रवर्तन उपायों की जरूरत है।”
इसके अलावा बान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को आतंकवादी संगठनों के खिलाफ धन उगाही वाले सभी रास्तों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, जिसे वे आम तौर पर तेल, गैस, सांस्कृतिक कलाकृतियों के अवैध व्यापार, फिरौती के लिए अपहरण और तस्करी के माध्यम से हासिल करते हैं।