झांसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर चोर और साधु के बीच संवाद कुछ देर चलता रहा। इसी दौरान चोर साधु का बैग उठाकर भाग गया। साधु इसकी शिकायत लेकर झांसी जीआरपी के पास पहुंचा और बताया कि बैग में नगदी व कुछ और सामान था।
ओड़िशा के जगन्नाथपुरी में रहने वाले महंत वशिष्ट गिरि झांसी से आयोध्या जाने के लिए अपनी शिष्या के साथ प्लेटफार्म नंबर चार पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। महंत के अनुसार, ट्रेन की जानकारी करने के लिए मध्यरात्रि के बाद जब वह पूछताछ कार्यालय में पहुंचे तो वहां उनकी एक युवक से मुलाकात हुई।
युवक ने मेलजोल बढ़ाने का प्रयास करते हुए उनसे कहा कि अयोध्या जान के लिए ट्रेन सुबह मिलेगी। वह भी अयोध्या जा रहा है। रेलकर्मी होने के कारण उसे सीट आसानी से मिल जाएगी। वह उन्हें भी सीट दिला देगा। इसके बाद महंत अपनी शिष्या के साथ प्लेटफार्म चार पर पहुंच गए। युवक भी पीछा करते हुए वहां पहुंच गया और कहा कि प्लेटफार्म बदल गया है, अब तीन नंबर पर चलना होगा।
महंत युवक की बात में आ गए और उन्होंने अपनी शिष्या को प्लेटफार्म नंबर तीन पर चलने की कहकर सामान उठाना शुरू किया।
महंत के मुताबिक, अभी उसका पूरा सामान प्लेटफार्म नंबर चार से प्लेटफार्म नंबर तीन पर पहुंचा भी नहीं था कि इसी दौरान तथाकथित रेलकर्मी उसका एक बैग लेकर भाग गया, जिसमें 3000 रुपये नकद, मोबाइल व सामान रखा हुआ था।
काफी खोजबीन के बाद भी चोर युवक का सुराग नहीं लगा। परेशान होकर महंत शिकायत लेकर थाना पहुंचे और इस घटना से पुलिस को अवगत कराया। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर कार्रवाई का भरोसा दिया।
दूसरी ओर, ट्रेन संख्या 54160 झांसी-बांदा पैसेंजर ट्रेन में श्यामा बाई (पत्नी हरिराम सेन, निवासी लालकुर्ती सदर बाजार, झांसी) यात्रा कर रही थी। ट्रेन जब झांसी स्टेशन से बांदा की ओर बढ़ी तभी, बरुआसागर के नजदीक उसका बैग चोरी हो गया, जिसमें 7000 रुपये नकद व सामान रखा हुआ था। पीड़िता ने इसकी लिखित शिकायत थाने की पुलिस से की।