मुंबई, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। लगभग 25 वर्षो से बॉलीवुड उद्योग में अपने अभिनय के जलवे बिखेर रहे और अपनी आगामी फिल्म ‘फैन’ के रिलीज होने का इंतजार कर रहे सुपरस्टार शाहरुख खान का कहना है कि वह कभी किसी के ‘फैन’ नहीं रहे।
मुंबई, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। लगभग 25 वर्षो से बॉलीवुड उद्योग में अपने अभिनय के जलवे बिखेर रहे और अपनी आगामी फिल्म ‘फैन’ के रिलीज होने का इंतजार कर रहे सुपरस्टार शाहरुख खान का कहना है कि वह कभी किसी के ‘फैन’ नहीं रहे।
मनीष शर्मा निर्देशित ‘फैन’ में शाहरुख एक सुपरस्टार और उनके प्रशंसक की दोहरी भूमिकाओं में दिखाई देंगे।
हालांकि, अभिनेता ने यह भी खुलासा किया कि वह अपने जीवन में किसी के फैन नहीं रहे, क्योंकि इसके लिए उन्हें कभी वक्त ही नहीं मिला।
शाहरुख ने कहा, “मुझे लोग पसंद हैं, लेकिन मैं कभी भी किसी का फैन नहीं रहा। मैं फैन बनने से पहले खुद एक स्टार बन गया। फैन होना आसान नहीं है। इसके लिए आपको किसी को नि:स्वार्थ प्यार करना पड़ता है। मैंने बहुत कम उम्र में काम शुरू कर दिया था। मुझे किसी का फैन बनने का समय ही नहीं मिला।”
सुपरस्टार ने साथ ही आने वाले कलाकारों को सलाह देते हुए कहा है कि अगर आप भार नहीं उठा सकते तो ‘स्टार मत बनिए’।
उन्होंने कहा कि अपने दो दशक लंबे करियर के दौरान उन्होंने काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। लेकिन इस बीच वह एक अभिनेता के रूप में कभी मुश्किल में नहीं फंसे।
शाहरुख ने आईएएनएस से कहा, “मैं व्यक्तिगत तौर पर मानता हूं कि अगर आप भार नहीं उठा सकते तो स्टार मत बनिए।”
उन्होंने कहा, “मैंने कई लीक से हटकर फिल्में की हैं और वे सफल भी रहीं। अगर आपके करियर को 25 साल हो गए हैं तो इसका मतलब यह है कि आपने काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं।”
उन्होंने कहा, “एक अभिनेता के रूप में आपको खुद में सुधार करते रहना चाहिए। अभिनेता के तौर पर यह आपके लिए संतोषजनक होना चाहिए।”
नई पीढ़ी के निर्देशकों के साथ काम करते रहे ‘दिलवाले’ के अभिनेता का मानना है कि वे नए विचारों के साथ आते हैं और उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं होता।
उन्होंने कहा, “नए लोग नए विचारों के साथ आते हैं और सफलता आपको वहां ले जाती है, जहां आप अपनी सफलता कायम रखना चाहते हैं। मैं यह नहीं कहता कि आप अपनी रचनात्मकता को खत्म कर दें, बल्कि अपनी सफलता के साथ-साथ अपनी रचनात्मकता को बनाए रखने की भी कोशिश करें।”
उन्होंने कहा, “बहुत कम लोग यश चोपड़ा जैसी बेहतरीन फिल्म बनाते हैं। उनके विषय अलग होते थे। नए लोगों के पास कुछ अच्छे विचार हैं।”