लंदन, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया है कि टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों को सामान्य लोगों की तुलना में लीवर के गंभीर रोग होने की अधिक संभावना होती है।
ब्रिटेन की युनिवर्सिटी ऑफ साउथहैंप्टन के प्रोफेसर क्रिस बायर्न ने कहा, “हमें पहली बार पता चला है कि टाइप 2 मधुमेह एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है, जो पुराने लीवर रोगों से संबंधित है।”
उन्होंने बताया, “इस अनुसंधान में हालांकि अभी आगे यह निर्धारित करने की जरूरत है कि क्या सभी टाइप 2 मधुमेह रोगियों को लीवर के रोगों की जांच कराने की जरूरत है।”
इस शोध में साउथहैंप्टन के साथ ही एडिनबर्ग युनिवर्सिटी के शोधार्थी भी शामिल रहे। इन्होंने 10 सालों के अध्ययन के दौरान स्कॉटलैंड के विभिन्न अस्पतालों से लीवर संबंधी रोगों और उससे जुड़े कारकों का आकलन किया।
शोधार्थियों ने पाया कि इनमें से अधिकतर मामलों में लीवर रोग और टाइप 2 मधुमेह ग्रसित लोगों के रोग का कारण अल्कोहल नहीं रहा। इसकी असल वजह लीवर की कोशिकाओं में वसा का निर्माण रहा है, जिसे नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लीवर डिसीस (एनएएफएलडी) कहा जाता है।
यह शोध ‘जर्नल ऑफ हेप्टोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।