मंत्री ने अपने एस्टोनियाई समकक्ष मरिना कलिजुरंद के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग और अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी, दोनों को पता है कि यह मिसाइल मुद्दा और ईरान की रक्षा क्षमताएं चर्चा का विषय नहीं हैं।
उन्होंने कहा, “अगर अमेरिका हथियारों को लेकर वाकई गंभीर है, तो वह उन देशों को हथियारों की बिक्री पर पुनर्विचार करे, जो इन हथियारों का इस्तेमाल यमन और फिलिस्तीनियों के खिलाफ कर रहे हैं।”
इससे पहले गुरुवार को केरी ने कहा था कि अमेरिका ईरान के मिसाइल कार्यक्रम संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए नई व्यवस्था के लिए तैयार है।
इस मुद्दे पर एक वरिष्ठ ईरानी सैन्य अधिकारी ने शुक्रवार को अमेरिकी राजनयिक की टिप्प्णी को धृष्टता करार दिया है।
ईरानी सशस्त्र बलों के डिप्टी जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ, ब्रिगेडियर जनरल मसूद जाजायरी ने ईरानी विदेश मंत्रालय से कहा है कि तेहरान के साथ वार्ता वाली बात पर केरी को ²ढ़तापूर्वक जवाब दिया जाए।
उन्होंने कहा, “मिसाइल मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं होगी, और ईरान अपनी रक्षा क्षमता विकसित करने के लिए किसी से अनुमति नहीं लेता है।”
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ईरान के मिसाइल कार्यक्रम से चिंतित है, तथा उसे क्षेत्रीय और विश्व शांति के लिए खतरा मान रहा है।
जबकि ईरान ने कहा है कि उसका मिसाइल कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। इसका उद्देश्य केवल ईरान की रक्षात्मक क्षमता को बढ़ाना है।