संयुक्त राष्ट्र, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। वैश्विक खाद्यान्न उत्पादन 2016 में गत वर्ष के मुकाबले मामूली 0.2 फीसदी अधिक 252.1 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो तीसरा रिकार्ड वैश्विक उत्पादन होगा। यह बात संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने कही।
संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा, “खाद्यान्नों के विशाल भंडार और कमजोर वैश्विक मांग की वजह से कम से कम एक साल और खाद्यान्नों की मांग की स्थिति जस-की-तस रहने की उम्मीद है।”
प्रवक्ता ने नए वर्ष के लिए खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के प्रथम अनुमान के हवाले से ये बातें कही।
उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादों के मूल्यों में आई गिरावट पर चीन और ताड़ के तेल के मूल्यों में हुई वृद्धि के भारी पड़ने से समग्र सूचकांक में फरवरी के मुकाबले एक फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है।
मार्च का सूचकांक औसत रूप से 2016 में उच्चतम स्तर पर है, लेकिन गत वर्ष के मुकाबले करीब 12 फीसदी नीचे है।
एफएओ के प्रथम अनुमान के मुताबिक, दुनियाभर में गेहूं की उपज कम रहने के अनुमान के कारण खाद्यान्नों की उपज थोड़ी कम रहने का अनुमान है। इस वर्ष गेहूं की उपज करीब 71.27 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो 2015 के मुकाबले करीब दो करोड़ टन कम होगी।
गेहूं की उपज घटने का मुख्य कारण रूस और यूक्रेन में सूखे मौसम की वजह से अपेक्षाकृत कम बुआई होना बताया गया है।
इस दौरान मोटे अनाज का वैश्विक उत्पादन साल-दर-साल आधार पर 1.1 करोड़ टन अधिक 131.3 करोड़ टन रहने का अनुमान जताया गया है।
रिपोर्ट में चावल का वैश्विक उत्पादन गत दो साल कम रहने के बाद इस साल एक फीसदी बढ़कर 49.5 करोड़ टन होने का अनुमान जताया गया है।
खाद्यान्नों का वैश्विक व्यापार 2016-17 में हालांकि लगातार दूसरे साल घटेगा। यह 1.4 फीसदी घटकर 36.5 करोड़ टन रहने का अनुमान है।