इस्लामाबाद, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत (तापी) को जोड़ने वाली गैस पाइपलाइन परियोजना के निवेशकों में 10 अरब डॉलर की इस परियोजना के लिए अध्ययन और इंजीनियरिंग पर 20 करोड़ डॉलर खर्च करने के लिए सहमति बनी है।
‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में चौथे सबसे बड़े गैस भंडार वाले तुर्कमेनिस्तान ने अपने 1,814 किलोमीटर हिस्से का निर्माण गत वर्ष दिसंबर में शुरू कर दिया है। इस परियोजना के जरिये वह रूस और चीन पर अपनी निर्भरता घटाना चाहता है। तीन अन्य देशों में हालांकि काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
तुर्कमेनिस्तान के उप प्रधानमंत्री यागशीगेल्डी काकायेव ने राजधानी अशगाबत में गुरुवार को कहा, “इस कोष का उपयोग हम विभिनन अध्ययनों, प्रारंभिक इंजीनियरिंग, पर्यावरणीय अध्ययन और मार्ग संबंधी अनुसंधानों में करेंगे।”
उन्होंने कहा कि इस अध्ययन से परियोजना की खर्च का और सटीक अनुमान हासिल होगा। उन्होंने हालांकि यह नहीं बताया कि इसके लिए धन कहां से आएगा।
परियोजना का निर्माण तापी पाइपलाइन कंपनी लिमिटेड कर रही है, जिसमें तुर्कमेनगैस प्रमुख शेयरधारक है। अन्य निवेशक हैं अफगान गैस एंटरप्राइज, पाकिस्तान की कंपनी इंटर स्टेट गैस सिस्टम्स लिमिटेड और गेल (इंडिया) लिमिटेड।
काकायेव ने कहा कि कंपनी का मुख्यालय दुबई में हो सकता है। पाइपलाइन से हर साल 33 अरब घन मीटर गैस आपूर्ति हो सकेगी।
परियोजना के सामने हालांकि अफगानिस्तान में सुरक्षा खतरा और वित्तीयन की अस्पष्टता का जोखिम है।