हरिद्वार। ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने केदारनाथ धाम के मुख्य रावल भीमाशंकर लिंग को स्वार्थी व कुपात्र करार दिया।
शास्त्र अनुसार मंदिर के कपाट खुलने के बाद मुख्य रावल गंगा तक पार नहीं करते, पर वह मंदिर और पूजा अर्चना छोड़कर प्रदेश से बाहर चले गए। ऐसा करके वह केदारनाथ धाम में पूजा करने का अधिकार खो चुके हैं। सोमवार को कनखल स्थित आश्रम में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि मंदिर को ऊखीमठ शिफ्ट करने का मुख्य रावल का सुझाव गलत और अविवेकपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भीमाशंकर लिंग स्वार्थ में आकर यह बात कह रहे हैं, उन्हें सिर्फ रुपये-पैसे से मतलब है, भगवान की भक्ति से नहीं। मंदिर के कपाट खुलने के बाद मुख्य रावल गंगा तक पार नहीं कर सकते, यहां तो वह प्रदेश को ही छोड़कर चले गए हैं।