रियाद, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां रविवार को टाटा कंसल्टेंसी सर्विस द्वारा स्थापित एक महिला आईटी सेंटर का दौरा करने के बाद कहा कि ‘यह सऊदी अरब की शान है।’
सऊदी अरब की यात्रा के अंतिम दिन मोदी ने कहा, “मैं उन पेशेवरों से मिल रहा हूं, जो अब सऊदी अरब की शान हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं यहां जिस माहौल को देख रहा हूं, उसमें दुनिया को कड़ा संदेश देने का दम है।”
मोदी ने कहा, “प्रतियोगी दुनिया में अधिकतम विकास के लिए हम लोगों को अपनी प्राकृतिक और मानवीय ताकतों को एकजुट करना है।”
उन्होंने कहा कि जब नारी शक्ति विकास यात्रा की अभिन्न अंग बनती है तो इसे नई गति मिलती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महिला सेंटर का माहौल देख कर ऐसा प्रतीत होता है कि यह दुनिया के सकारात्मक बल का अगुवा है।
उन्होंने आईटी सेंटर की महिलाओं को भारत आने का न्योता दिया। मादी ने कहा कि महिला पेशेवरों की यात्रा का भारत पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
मोदी ने शासन में प्रौद्योगिकी की भूमिका का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि शासन से उनका तात्पर्य है- सुलभ शासन, ई-शासन और आर्थिक शासन।
उन्होंने सेंटर की महिला पेशेवरों को ‘मोदी एप’ देखने और भारत में महिला सशकितकरण पर अपनी राय देने का आग्रह किया।
महिला सेंटर के पट पर मोदी ने लिखा, “वन्दे मातरम, मातृ देवो भव:।”
महिला सेंटर के कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। कुछ कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी भी ली।
यह सेंटर तीन साल पहले 80 कर्मचारियों के साथ शुरू किया गया था, लेकिन आज उनकी संख्या बढ़कर 1000 हो गई है। सेंटर में 80 प्रतिशत सऊदी अरब की महिलाएं हैं।
यह सऊदी अरब में दुनिया की किसी कंपनी द्वारा खोला गया पहला बीपीओ है। इसकी खासियत है कि केवल महिलएं ही इसका संचालन करती हैं।
सऊदी अरब में 60 फीसदी महिलाएं स्नातक हैं।
मोदी तीन देशों की अपनी पांच दिवसीय यात्रा के तीसरे और अंतिम पड़ाव में सऊदी अरब पहुंचे। वह इसके पहले बेल्जियम और अमेरिका गए थे।
बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में उन्होंने 13वें भारत-यूरोपीय संघ (ईयू) शिखर सम्मेलन में भाग लिया था और बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स माइकल के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी।
इसके बाद उन्होंने वाशिंगटन में आयोजित परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में शिरकत की थी। इस शिखर सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने किया था।
2010 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सऊदी की यात्रा के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस तेल संपन्न खाड़ी देश की पहली यात्रा है।