नई दिल्ली।। एचडीएफसी बैंक के चीफ दीपक पारेख ने इंडियन इकॉनमी की बदहाली के बीच कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि जल्दी ही हालात पटरी पर आएंगे।’ उन्होंने साथ में यह भी कहा कि देश में आर्थिक सुधार की गति अप्रत्याशित रूप से स्लो है। पारेख के मुताबिक इंडियन मार्केट बेहद चुनौतीपूर्ण और जटिल है। ऐसे में कंज्यूमर के भरोसे को कायम रखना एक चुनौती है। गौरतलब है कि बीसीएसई सेंसेक्स 19 हजार के नीचे आ गया है वहीं निफ्टी 6 हजार के नीचे है। रुपए की कीमत डॉलर के मुकाबले सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।
एचडीएफसी बैंक के चीफ दीपक पारेख ने कहा है कि भारत में छोटे शहरों समेत हर जगह मकान की कीमतें हवा में हैं और जमीन-जायदाद का कारोबार कर रही कंपनियों को बढ़-चढ़कर ऋण देना खतरे से खाली नहीं है। उन्होंने बिल्डरों को भी विलासिता वाले मकान के बजाय मुनासिब दाम के मकानों के कारोबार पर ध्यान देने की सलाह दी है।
पारेख ने कहा कि डिवेलपर्स को आक्रामक ढंग से कर्ज देना खतरनाक चीज है। उन्होंने मकान खरीदारों को प्रॉपर्टी डिवेलपर्स की ‘वास्तविकता से कहीं अधिक अच्छी’ पेशकशों पर सतर्क रहने को कहा। उन्होंने मकान खरीदारों को चेताया कि वे ऐसी स्कीमों से सचेत रहें जिसमें बिल्डर कर्ज पर ब्याज भुगतान करने का दावा करते हैं।
प्रसिद्ध बैंकर ने वित्त सुविधा देने वाली कंपनियों को अनूठे और आक्रामक कर्जों की पेशकश करने से दूरी बनाने को कहा। इनमें कर्जों में लुभावनी ब्याज दर की पेशकश की जाती है और धीरे-धीरे ये दरें बढ़ती जाती हैं।
पिछले कुछ सालों में आवास वित्त बाजार की बढ़ोतरी पर संतोष जताते हुए पारेख ने एचडीएफसी के शेयरधारकों को लिखे अपने वार्षिक पत्र में कहा, ‘निर्माण क्षेत्र को को दिए जाने वाले कर्जों में अधिक जोखिम होता है इसलिए कर्ज पर ब्याज तय करते वक्त ऐसे जोखिम को ध्यान में रखना होता है।’ पारेख ने कहा कि देश में मकानों की भारी किल्लत बनी हुई है और साथ ही कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।