रायपुर, 31 मार्च (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के भाटापारा में एक अप्रैल को ओडिशा के जगन्नाथ महाप्रभु की रथयात्रा जैसा दृश्य देखने को मिलेगा। यहां आदिनाथ भगवान की रथयात्रा निकाली जाएगी। रथ 27 फीट ऊंचे शीशम और सागौन की लकड़ी से बनाया गया है।
रथ का निर्माण कनार्टक के हुबली जिले के वीरापुर गांव में किया गया। इसे एक वर्ष में तैयार किया गया है। भाटापारा के पंचबलि नवग्रह जैन मंदिर में पहली अप्रैल को भगवान आदिनाथ की जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी। सुबह 7 बजे भगवान का मस्तकाभिषेक पूजन होगा।
भगवान आदिनाथ को आदिब्रह्मा, आदि र्तीथकर जैसे कई नामों से पूजा जाता है। हजारों वर्ष पूर्व इस संसार में र्तीथकर भगवान ने जन्म लिया। इस दिन का विशेष महत्व होता है। पिछले दिनों हुई सर्वसमाज की बैठक में इस वर्ष आदिनाथ भगवान की जयंती धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया गया।
रथयात्रा के लिए जगन्नाथ पुरी भगवान की रथयात्रा जितना ऊंचा विशाल रथ का निर्माण कर्नाटक के हुबली जिले के वीरापुर ग्राम में किया गया। इसे बनाने में एक वर्ष से ऊपर का समय लगा।
जैन श्रद्धालुओं के अनुसार, राष्ट्रसंत चिन्मय सागर महाराज (जंगल वाले बाबा) की प्रेरणा से इस रथ का निर्माण हुआ है। सटीक नक्काशी, कलायुक्त यह रथ छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश का प्रथम रथ होगा। ऐसा रथ संपूर्ण छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश में नहीं है। इस रथ को खींचने का सौभाग्य सभी को मिलेगा। इस रथ का स्पर्श करना ही विशेष पुण्य का कार्य है।