उज्जैन– सिंहस्थ कुम्भ पर्व में अब कम समय बचा है,क्षिप्रा नदी किनारे रामघाट में एक व्यक्ति नीचे तलहटी से गाद में छुपे सिक्कों और जेवरों को खोजता है.नदी का पानी ,गाद और असीम मियां का रंग एक जाया हो चुका है …….एकदम स्याह रंग.इस स्याह से असीम मियां अपनी जिंदगी के दिनों को रोशन करते हैं.उनका कहना है की सामान्य दिनों में दिन भर में 100 रुपये और त्योहारों के दिनों में एवं सिंहस्थ में 500 अमूमन मिल ही जाते हैं.कभी किस्मत साथ दी तो किसी जेवर का टुकड़ा भी मिल जाता है.
हिन्दुओं की तरह ये भी आस्था माँ क्षिप्रा में रखते हैं और कहते हैं की पूरे परिवार की ये जीवन-धारा हैं चाहे स्वयं रुकी हुई हों.असीम मियां ने कहा की बड़ी बेसब्री से सिहस्थ के दिनों का इंतजार वे कर रहे हैं ताकि साल भर के अनाज का इंतजाम परिवार के लिए कर सकें.पावन कुम्भ सिंहस्थ के अन्य रंग हम आपके समक्ष प्रतुत करते रहेंगे……………