पठानकोट, 29 मार्च (आईएएनएस)। पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने विरोध-प्रदर्शन के बीच मंगलवार को पंजाब में कई जगहों का दौरा किया और वायुसेना अड्डे के एक हिस्से की जांच पूरी की।
जांच दल ने संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादियों के निशान ढूंढ़ने के लिए विभिन्न स्थानों का दौरा किया। हालांकि इस दौरान कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता पठानकोट वायुसेना अड्डे के सामने विरोध-प्रदर्शन करते रहे।
पठानकोट स्थित वायुसेना अड्डे पर दो जनवरी को आंतकवादी हमला हुआ था, जिसमें सात सुरक्षाकर्मी और सभी आतंकवादी मारे गए थे।
पाकिस्तान की पांच सदस्यीय जेआईटी टीम ने एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) के अधिकारियों के साथ विभिन्न स्थानों का दौरा किया।
इससे पहले जेआईटी के आने की खबर लगते ही यहां मंगलवार सुबह भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के हवाईअड्डे के पास विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया। इसके कारण जेआईटी की टीम को वायुसेना अड्डे में पिछले हिस्से से ले जाया गया।
जेआईटी की टीम एक मिनी बस में थी, जिसमें एनआईए के अधिकारियों के साथ वे पंजाब पुलिस के इलीट स्वात कमांडों के घेरे में थे।
पंजाब में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने वायुसेना अड्डे के मुख्य द्वार के आगे तथा उस मार्ग के करीब विरोध-प्रदर्शन किया, जहां से पाकिस्तान की जांच टीम को ले जाया जा रहा था। प्रदर्शनकारी हाथ में काले झंडे व बैनर लिए हुए थे।
बैनरों पर पाकिस्तानी टीम विशेषकर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसिस इंटेलिजेंस (आईएसआई) और मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारियों के नाम लिखे हुए थे।
जेआईटी सदस्य वायुसेना अड्डे में एक विशेष दरवाजे से घटनास्थल तक पहुंचे, जो कि परिसर के भीतर सीमित स्थान तक ही ले जाता है। जेआईटी सदस्यों को वायुसेना अड्डे के तकनीकी क्षेत्र से दूर रखा गया और केवल उन्हीं जगहों तक ले जाया गया, जहां दो जनवरी को सुरक्षाकर्मियों की पाकिस्तानी आतंकवादियों से मुठभेड़ हुई थी।
जेआईटी सदस्य रविवार को देश की राजधानी नई दिल्ली पहुंचे और देश की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों के साथ उन्होंने कई बैठकें की। जेआईटी सदस्य मंगलवार सुबह अमृतसर पहुंचे, जहां से वे पठानकोट गए।
पूर्व में विपक्षी राजनीतिक दलों के पाकिस्तानी जांच दल के दौरे का विरोध करने की धमकी देने के चलते यहां वायुसेना अड्डे के इर्दगिर्द सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी।
इससे पहले वायुसेना के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “हमने हवाईअड्डे की बैरिकैटिग कर दी है। घटनास्थल के चारों तरफ टेंट वॉल खड़ी कर दी है। जेआईटी सदस्यों को कुछ भी नहीं दिख पाएगा। हवाईअड्डे के एक खास हिस्से में स्थित एक खास द्वार के जरिए एंट्री होगी।”
पंजाब पुलिस के एक अधिकारी जो जांच दल के साथ थे, ने आईएएनएस को बताया, “पाकिस्तानी जांच दल को उन स्थानों पर ले जाया गया जहां-जहां से आतंकवादी गुजरे थे। हालांकि ज्यादातर जगहों पर जांच दल के सदस्य गाड़ी से भी नहीं उतरे।”
इस दौरे का विरोध करते हुए आप नेता संजय सिंह ने कहा, “आईएसआई, जो भारत में आतंकवाद फैलाने का आरोपी है, को कैसे यहां के रक्षा प्रतिष्ठान की जांच की अनुमति दी जा सकती है?”
वहीं, पाकिस्तानी अधिकारियों को मीडिया से दूर रखा गया।
भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “हमने टेंट से घटनास्थल ढंक दिया था और केवल मुठभेड़ वाली जगह के अलावा जांच दल को कुछ भी देखने को नहीं मिला।”
इससे पहले सोमवार को रक्षामंत्री मनोहर पíरकर ने पणजी (गोवा) में कहा था कि पाकिस्तानी टीम को सिर्फ ‘घटनास्थल’ पर ले जाया जाएगा। उन्हें हवाईअड्डे के ऑपरेशनल एरिया में नहीं जाने दिया जाएगा।