पणजी, 29 मार्च (आईएएनएस)। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को यहां कहा कि रक्षा उपकरणों और हथियारों की सौ फीसदी खरीद निजी क्षेत्र से नहीं की जा सकती है।
उन्होंने एसोचैम द्वारा आयोजित सम्मेलन में कहा कि आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) को रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र का एक अनिवार्य हिस्सा बनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “रक्षा उपकरणों और हथियारों की खरीद मंत्रालय का प्राथमिक लक्ष्य नहीं है। पहला लक्ष्य सेना को सबसे अच्छे और प्रभावी उपकरण पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना है।”
उन्होंने यह बात एसोसिएटेड चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) के अध्यक्ष सुनील कनोरिया के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड और रक्षा उपकरण बनाने वाली सरकारी कंपनियों की भूमिका कम करने के प्रस्ताव पर कही।
पर्रिकर ने कहा कि निजी क्षेत्र मुनाफे से चलता है और यह सरकार ही है जो लंबे समय तक कुशल मानव संसाधन और उपकरण बनानेवाली बुनियादी अवसंरचानों को अपने साथ रख सकती है, चाहे बेहद सीमित संख्या में ही हथियारों या उपकरणों का निर्माण क्यों न करना हो।