सुप्रीम पीपुल्स प्रोक्यूरेटोरेट (एसपीपी) ने मंगलवार को कहा कि चीन के अभियोजन पक्ष ने लगभग दो हजार 295 अधिकारियों की जांच की है, जो पिछले तीन सालों से गरीबी उन्मूलन के प्रभारी रहे हैं। इनमें 579 अधिकारी वर्ष 2013, 783 अधिकारी वर्ष 2014 और 983 अधिकारी वर्ष 2015 में गरीबी राहत कोष विभाग में कार्यरत रहे हैं।
एसपीपी ने बताया, पिछले तीन सालों की अवधि में भ्रष्टाचार संबंधी सभी मामलों में गरीबों की सहायता के लिए जारी हुई रकम का दुरुपयोग करने वाले अधिकारियों की संख्या 1.4 प्रतिशत रही है।
गरीबी उन्मूलन में तेजी से बढ़ते भ्रष्टाचार की वजह गरीबी राहत परियोजनाओं की उच्च संख्या और उसमें प्रयुक्त होने वाली मोटी रकम है। साथ ही पर्यवेक्षण तंत्र की खामियां भी इस भ्रष्टाचार का कारण है।
एसपीपी की जांच से पता चलता है कि छोटी बस्तियों और गांवों के जमीनी स्तर के अधिकारी इस तरह की घटनाओं में सर्वाधिक उन्मुख दिखे हैं।