नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)। कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में सोमवार को आए पहले फैसले में यहां एक अदालत ने झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड (जेआईपीएल) और उसके दो निदेशकों को, झारखंड में एक कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए आपराधिक साजिश रचने और धोखाधड़ी करने का दोषी ठहराया।
नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)। कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में सोमवार को आए पहले फैसले में यहां एक अदालत ने झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड (जेआईपीएल) और उसके दो निदेशकों को, झारखंड में एक कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए आपराधिक साजिश रचने और धोखाधड़ी करने का दोषी ठहराया।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश भरत पारासर ने जेआईपीएल और उसके निदेशकों (आर.एस. रुं गटा व आर.सी. रुं गटा) को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के अपराध के लिए दोषी ठहराया है।
न्यायालय ने अपने 132 पृष्ठों के फैसले में कहा, “मेरे विचार से अभियोजन पक्ष सभी तीनों आरोपियों (मेसर्स जेआईपीएल, आर.सी. रुं गटा और आर.एस. रुं गटा) के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के अपने मामले को साबित करने में स्पष्टतौर पर सफल रहा है।”
रुंगटा इस समय जमानत पर हैं और फैसला सुनाए जाते समय दोनों अदालत कक्ष में मौजूद थे। उन्हें हिरासत में लेने का आदेश दिया गया और न्यायालय ने सजा की मात्रा तय करने पर बहस के लिए 31 मार्च की तिथि तय कर दी है।
इस मामले के अलावा कोयला घोटाले से संबंधित 19 अन्य मामले अदालत के समक्ष लंबित हैं, जिनकी जांच सीबीआई ने की है।