लखनऊ, 28 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने विधान पार्षद (एमएलसी) मनोनीत करने की लंबित पत्रावली राज्य सरकार को वापस कर दी। उन्होंने सोमवार को प्रदेश सरकार के अनुरोध पर यह कदम उठाया।
राज्य सरकार अब नामों की सूची में संशोधन कर नई सूची राजभवन को भेजेगी।
सरकार की अनुशंसा पर राज्यपाल 12 विधान परिषद सदस्यों को मनोनीत करते हैं। वर्ष 2015 में मनोनीत होने वाले एमएलसी के 9 स्थान रिक्त थे। इन्हें भरने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मई माह में विधान परिषद का सदस्य नामित करने को 9 नामों की सूची राजभवन को भेजी, लेकिन राज्यपाल ने इनमें से कुछ नामों पर आपत्ति जताई थी और सिर्फ चार एमएलसी के नामों पर मुहर लगाई थी।
सरकार ने पुरानी सूची को संशोधित करने के लिए राजभवन से पत्रावली वापस करने का अनुरोध किया था। यही वजह है कि सोमवार को राज्यपाल ने इससे संबंधित पत्रावली सरकार को वापस भेज दी।
राज्यपाल ने अपने पत्र में कहा है कि उनके और मुख्यमंत्री के बीच कई बैठकें हुईं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें नए नामों की प्रस्तावित सूची भेजने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक राजभवन को संशोधित सूची नहीं मिल सकी है।
गौरलतब है कि नाईक ने पूर्व में भेजी गए नामों में से पांच व्यक्तियों, डॉ. कमलेश कुमार पाठक, संजय सेठ, रणविजय सिंह, अब्दुल सरफराज खां और डॉ. राजपाल कश्यप को विधान परिषद का सदस्य नामित होने के लायक नहीं बताया था।