गोरखपुर। गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि भौतिक संसाधन जुटाने की दौड़ में विश्व दिशाहीन हो गया है। यही कारण है कि जीवन और जगत को व्यवस्थित करने का अभियान परिलक्षित नहीं हो रहा है।
भौतिक युग में हम मानव जीवन के महत्व से अनभिज्ञ होते जा रहे हैं। इसी कारण मनुष्य के जीवन में सुख-शांति, आनंद व दिव्यता परिलक्षित नहीं होती है। यही मनुष्य के दुख का कारण भी है। रविवार को यहां धर्म सभा में शंकराचार्य ने जीवन के विविध क्षेत्रों में हो रहे क्षरण पर चिंता जताई तथा कहा कि मनीषियों की परंपरा को आगे बढ़ाने वालों का यह दायित्व है कि वे मनुष्यता की रक्षा के लिए आगे आएं। हिन्दू समाज की एकजुटता पर बल देते हुए किसी भी स्तर छुआछूत को स्वीकार न करने की अपील की। इसके पूर्व स्वामी निर्विकल्पानंद सरस्वती ने बरदायनी पाठ के मंत्र का वाचन एवं दीप जलाकर धर्म सभा की शुरुआत की।