आयोग की वेबसाइट में शिकायत जांच प्रणाली (मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम) के माध्यम से अब कोई भी बच्चों से संबंधित आवेदन और शिकायत छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग में कर सकते हैं। प्रकरण के संबंध में क्रमांक संख्या मिलने पर उस मामले की प्रगति के बारे में भी विभाग की वेबसाइट पर लॉग इन कर समय-समय पर जानकारी ली जा सकेगी।
विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल और मंत्रिपरिषद के सदस्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस अच्छी पहल के लिए छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सहित आयोग के सदस्यों और अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग देश के सभी बाल अधिकार संरक्षण आयोगों में ऐसा पहला आयोग होगा, जिसका अब स्वयं का शिकायत दर्ज करने का सॉफ्टवेयर होगा।
उल्लेखनीय है कि किशोर न्याय अधिनियम-2005 के अंतर्गत राज्य बाल संरक्षण आयोग को अधिनियम के परिपालन के निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी क्रम में ‘मेरी आवाज’ सॉफ्टवेयर के माध्यम से शिकायतों के निराकरण की प्रणाली को पारदर्शी और सुचारु बनाने का प्रयास किया जा रहा है।