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कला निर्देशन के बिना सिनेमा की कल्पना नहीं : देशमुख

रायपुर, 27 फरवरी (आईएएनएस/वीएनएस)। ‘राजनीति’, ‘चक्रव्यूह’, ‘तेरे नाम’, ‘मकबूल’, ‘आंखें’ जैसी कई फिल्मों और ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के कला निर्देशक जयंत देशमुख का कहना है कि कला निर्देशन यानी ‘प्रोडक्शन डिजाइन’ के बिना सिनेमा की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

रायपुर, 27 फरवरी (आईएएनएस/वीएनएस)। ‘राजनीति’, ‘चक्रव्यूह’, ‘तेरे नाम’, ‘मकबूल’, ‘आंखें’ जैसी कई फिल्मों और ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के कला निर्देशक जयंत देशमुख का कहना है कि कला निर्देशन यानी ‘प्रोडक्शन डिजाइन’ के बिना सिनेमा की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

रायपुर में चल रहे फिल्म एप्रीसिएशन कोर्स में प्रोडक्शन और सेट डिजाइन की बारीकियों के बारे में उन्होंने शुक्रवार को कहा कि कला निर्देशक, किसी फिल्म को विजुअली प्रभावकारी बनाता है। मुंबई के किसी स्टूडियो में लगाए गए सेट पर फिल्म की जरूरत के हिसाब से उत्तर प्रदेश के किसी गांव या पाकिस्तान के किसी शहर का माहौल दिखाना फिल्म निर्देशक का ही काम होता है।

देशमुख ने ‘मकबूल’ और अपनी अन्य फिल्मों के अंशों के जरिए कला निर्देशन के विभिन्न पहलुओं को बताया। जयंत देशमुख छत्तीसगढ़ के ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने कला निर्देशक के तौर पर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।

इससे पहले प्रदेश के जाने-माने लघु फिल्म निर्माता-निर्देशक तुषार वाघेला ने लघु फिल्म की दुनिया के बारे में बताया। वाघेला ने अपनी बनाई लघु फिल्म ‘बागीचा’ और ‘पेंटिंग्स’ दिखाकर प्रतिभागियों को बताया कि बड़े बजट और ज्यादा संसाधनों के बिना भी अच्छी और सार्थक फिल्में बनाई जा सकती हैं।

उन्होंने बताया कि आजकल मोबाइल से भी शूट करके लोग स्तरीय लघु फिल्में बना रहे हैं।

वाघेला की ‘शैडो ऑफ थॉट्स’, ‘प्रिजनर ऑफ मून’ और ‘द होम’ जैसी फिल्में कांस फिल्म महोत्सव सहित कई अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव में दिखाई जा चुकी हैं।

छत्तीसगढ़ फिल्म एंड विजुअल आर्ट सोसायटी द्वारा राजधानी स्थित संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह में 10 दिवसीय फिल्म एप्रीसिएशन कोर्स का आयोजन किया जा रहा है, जो 28 फरवरी तक चलेगा। इसके संयोजक सुभाष मिश्र व निर्देशक देश के जाने-माने साहित्यिक, सांस्कृतिक और फिल्म पत्रकार अजित राय हैं।

प्रदेश में अपनी तरह के इस पहले कोर्स के जरिए प्रतिभागियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञों द्वारा पटकथा, सिनेमेटोग्राफी, निर्देशन, फिल्म संपादन, प्रोडक्शन डिजाइन, नृत्य, संगीत, अभिनय व मार्केटिंग के साथ-साथ भारतीय और विश्व सिनेमा के इतिहास की जानकारियां दी जा रही हैं।

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