नई दिल्ली, 26 फरवरी (आईएएनएस)। संसद में शुक्रवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2015-16 में कहा गया है कि देश में आर्थिक रूप से सक्रिय आबादी (15-59 वर्ष) का अनुपात 1991 से 2013 के बीच 57.7 फीसदी से बढ़कर 63.3 फीसदी हो गया है।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, संगठित क्षेत्र (सरकारी और निजी मिलाकर) का रोजगार 2011 के मुकाबले 2012 में दो फीसदी बढ़ा, जबकि 2010 के मुकाबले 2011 में इसमें सिर्फ एक फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी।
यह आंकड़ा 2013 के लिए नमूना पंजीकरण प्रणाली आंकड़ों पर आधारित है।
सर्वेक्षण के मुताबिक, “निजी क्षेत्र में रोजगार 2011 से 2012 में 4.5 फीसदी बढ़ा, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र में यह मात्र 0.4 फीसदी बढ़ा है।”
श्रम ब्यूरो द्वारा जनवरी 2014 से जुलाई 2014 के बीच कराए गए चौथे सालाना रोजगार-बेरोजगारी सर्वेक्षण के मुताबिक, सभी लोगों के लिए श्रम बल सहभागिता दर (एलएफपीआर) 52.5 फीसदी थी।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि जनसांख्यिकी लाभांश का लाभ उठाने के लिए यह जरूरी है कि लोगों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए मानव संसाधन पर निवेश किया जाए।