नई दिल्ली, 25 फरवरी (आईएएनएस)। राज्यसभा में गुरुवार को कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने पटियाला हाउस अदालत परिसर में 15 और 17 फरवरी को हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की।
कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार नए ढंग का राष्ट्रवाद गढ़ रही है। उन लोगों को प्रताड़ित कर रही है जो उसकी बात नहीं मान रहे हैं।
राज्यसभा में दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, “आपकी सरकार यह सोचती है कि राष्ट्रवाद की एक नई परिभाषा लिखी जानी चाहिए और उन तमाम लोगों को परेशान करने के लिए पुलिस को सौंप देना चाहिए जो उससे सहमत नहीं हैं।”
उच्च सदन में विपक्ष के उप नेता शर्मा ने कहा, ” जनता के सामने तस्वीर इस तरह से पेश की गई है कि एक विचारधारा को मानने वाले राष्ट्रवादी हैं और दूसरे राष्ट्रविरोधीहैं।”
उन्होंने कहा कि इस सरकार ने देश की राजधानी में हिंसा को प्रोत्साहित करके, गैर कानूनी गतिविधियों और नागरिकों पर हमले प्रायोजित कर एवं समर्थन देकर कानून के शासन को ध्वस्त करने की अनुमति दी।
शर्मा ने कहा, “सत्ताधारी पार्टी (भाजपा) के एक विधायक ने अन्य लोगों के साथ न्यायालय परिसर के अंदर और बाहर लोगों पर हमला किया। दिल्ली पुलिस को एक दिखावे की गिरफ्तारी करने में कई दिन लग गए।”
उन्होंने कहा, “और उसके बाद, हमारे वकील-यदि वे (वास्तव में) वकील हैं तो-पटियाला हाउस में आते हैं और लोगों पर हमला करते हैं। कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।”
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी.राजा ने भी सवाल किया कि आम जनता पर हमले को सरकार कैसे उचित ठहरा सकती है?
राजा ने कहा, “आपने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया। अदालत परिसर में हिंसा का क्या औचित्य है? वे कौन लोग हैं? क्या गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस इतनी कमजोर है कि वह दोषियों को ढूंढ पाने में असमर्थ है? “