नई दिल्ली, 25 फरवरी (आईएएनएस)। रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने गुरुवार को संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारतीय रेल किराये से इतर स्रोतों से प्राप्त होने वाले राजस्व में बढ़ोतरी करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में किराए से इतर स्रोतों के जरिए 5 प्रतिशत से भी कम राजस्व अर्जित होता है और इसे अगले 5 वर्षो में बढ़ाकर 10 प्रतिशत की विश्व औसत तक लाया जाएगा।
रेल मंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। इसके तहत खाली भूमि और स्टेशन की इमारतों के ऊपर के स्थान के अधिकारों के वाणिज्यिक उपयोग के जरिए भूमि और इमारतों के मौद्रीकरण के लिए स्टेशनों के पुनर्विकास का एक बड़ा कार्यक्रम शुरू किया गया है।
रेलवे द्वारा बागवानी तथा वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए रेल नेटवर्क के आसपास उपलब्ध भूमि को पट्टे पर दिया जाएगा। इससे वंचित वर्गो, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजातिए अन्य पिछड़ा वर्ग आदि को रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, भोजन सुरक्षा में सुधार होगा। रेलवे भूमि पर अतिक्रमणों की भी रोकथाम होगी। इस ट्रैक का इस्तेमाल करके सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की संभावना की भी जांच की जाएगी।
उन्होंने कहा कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट के बड़ी संख्या में इस्तेमाल के मद्देनजर इस साइट पर भी ई-कामर्स गतिविधियों का लाभ प्राप्त करने के अवसर उपलब्ध हो जाते हैं।
रेल मंत्री ने कहा, “भारतीय रेलवे द्वारा अपनी विशाल भौतिक और प्राकृतिक अवसंरचना का विज्ञापन के माध्यम से वाणिज्यिक उपयोग किया जाएगा। स्टेशनों, गाड़ियों और बड़े स्टेशनों के रेलपथ के आसपास की भूमि पर विज्ञापन संबंधी संभावनाओं का इस्तेमाल करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।”
प्रभु ने कहा कि रेलवे किराये से इतर राजस्व के स्रोतों में वृद्धि करने के लिए अपनी वर्तमान पार्सल नीतियों को उदार बनाएगा। वह अपनी सेवाओं की पेशकश के दायरे, खासतौर पर ई-कामर्स जैसे उदयीमान क्षेत्र में सेवाओं के दायरे की पेशकश को बढ़ायेगा।
भारतीय रेलवे ने 2020 तक लगभग 4,000 करोड़ रुपए तक वार्षिक राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है।