लंदन, 25 फरवरी (आईएएनएस)। मधुमेह पीड़ितों में रक्तचाप कम करने वाली गहन चिकित्सा हृदयघात से होने वाली मौत के जोखिम को बढ़ा सकती है। खासकर उन व्यक्तियों के लिए यह अधिक घातक है जिनका सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर का स्तर 140 से कम है।
स्वीडन की उमेआ यूनिवर्सिटी से माटियास ब्रन्स्ट्रॉम ने कहा, “हमारा शोध बताता है कि गहन रक्तचाप को कम करने वाली चिकित्सा में एंटी-हाइपरटेंसिव दवाओं का उपयोग होता है जो मधुमेह पीड़ितों और 140 के नीचे स्तर वाले सिस्टोलिक रक्तचाप पीड़ितों के लिए हानिकारक है।”
इस शोध के लिए वैज्ञानिकों ने चिकित्सा साहित्य की व्यवस्थित समीक्षा की है।
इस विषय पर सभी प्रकाशित अध्ययनों के साथ रोगियों के अप्रकाशित आकड़ों का आकलन करने के बाद शोधार्थी मधुमेह रोगियों में रक्त दबाव को कम करने वाली दवाओं के प्रभाव की जांच करने में सक्षम हुए हैं।
निष्कर्ष बताता है कि एंटी-हाइपरटेंसिव चिकित्सा के प्रभाव रोगी में उपचार से पहले के रक्तचाप के स्तर पर निर्भर करते हैं। अगर सिस्टोलिक रक्तचाप 140 मिमीएचजी (दबाव की मापने वाली इकाई मिलीमीटर मरकरी) से अधिक होता है तो स्ट्रोक, हृदयघात से होने वाली मौत का जोखिम कम होता है। वहीं यह 140 मिमीएचजी से कम होता है तो हृदय संबंधी रोग से मौत का खतरा ज्यादा होता है।
यह शोध पत्रिका ‘बीएमजे’ में प्रकाशित हुआ है।