नई दिल्ली, 25 फरवरी (आईएएनएस)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) मामले में सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि छात्रों पर राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज नहीं करना चाहिए था।
येचुरी ने राज्यसभा में कहा, “राष्ट्रद्रोह कानून के तहत महात्मा गांधी जेल गए थे, भगत सिंह शहीद हुए थे। आप इसे अपन छात्रों के खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं।”
जेएनयू परिसर में 9 फरवरी की रात को संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके बाद 12 फरवरी को जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को राष्ट्रद्रोह के इल्जाम में गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर कथित रूप से भारत के विरोध में नारा लगाने का इल्जाम है।
येचुरी ने कहा, ” हम बहस और विचार-विमर्श से ही उच्च स्तर पर पहुंच सकते हैं। भारत की क्षमता को नष्ट ना करें। सदन की एक समिति बनाकर पूरे मामले की जांच की जाए। राष्ट्रद्रोह के आरोप का गलत इस्तेमाल हो रहा है, इसलिए इसे वापस लिया जाना चाहिए।”
उन्होंने मानव संसाधान विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा ‘मजबूत भारत’ का संदेश देने के लिए सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 207 फीट लंबे राष्ट्रीय झंडा फहराने के फैसले की आलोचना की। येचुरी ने कहा, “राष्ट्रीय झंडा हमारे हृदय में 207 फीट से भी कहीं ऊंचा है। देशभक्ति के लिए किसी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है।”