संयुक्त राष्ट्र ने इस योजना को पिछले लगभग पांच साल लंबे संघर्ष के बीच उम्मीद की किरण बताया है। इस समझौते से इस्लामिक स्टेट (आईएस), नुसरा फ्रंट (एनएफ) और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा नामित अन्य आतंकवादी संगठनों को बाहर रखा गया है।
हालांकि, अभी इस संबद्ध में सीरिया की युद्धग्रस्त सरकार और सशस्त्र विपक्षी समूहों के रुख का इंतजार है। इन सब विरोधाभासों के बीच एक सवाल अभी भी अनसुलझा है कि संघर्षविराम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई की जाएगी।
अमेरिका और रूस ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि सीरियाई संघर्ष में शामिल कोई भी पक्ष सीरिया के समयानुसार शनिवार 12 बजे तक संघर्षविराम पर अपनी स्थिति से अमेरिका और रूस को अवगत करा दें।
गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय सीरिया समर्थन समूह (आईएसएसजी) की 12 फरवरी, 2016 को म्युनिख में हुई बैठक के दौरान संघर्षविराम का खाका तैयार किया गया था। आईएसएसजी में अरब लीग, यूरोपीय संघ (ईयू), संयुक्त राष्ट्र और चीन सहित 17 देश शामिल हैं।
योजना के मनमुताबिक, संघर्षविराम सप्ताह भर के भीतर लागू नहीं किया जा सका, जिसकी वजह अमेरिका और रूस के बीच गहरे विवाद और मनमुटाव रहे। सीरियाई संघर्ष की वजह से 250,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई और लाखों लोग विस्थापित हो गए। क्षेत्र में स्थिति और विकट तब हो गई, जब सीरियाई क्षेत्र के दो प्रमुख साझेदार तुर्की और सऊदी अरब को रोकने में अमेरिका को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
सऊदी अरब सीरिया में सेना भेजने की धमकी देता रहा है, जबकि तुर्की ने उत्तरी सीरिया में आईएस लड़ाकों पर गोलाबारी करनी शुरू कर दी है। तुर्की ने सीरिया में जमीनी स्तर पर संयुक्त कार्रवाई करने के लिए गठबंधन देशों का आह्वान करते हुए कहा कि सीरिया में युद्ध समाप्त करने का यही एकमात्र तरीका है।
सीरिया में संघर्ष की स्थिति समाप्त करने के लिए सोमवार को हुआ यह ऐलान कई सप्ताह तक चले गहन राजनयिक प्रयासों का परिणाम है, लेकिन इन सबके बीच एक प्रमुख अनसुलझा सवाल अभी भी बरकरार है कि संघर्ष को कहां रोका जाना चाहिए और किन स्थानों पर आतंकवाद रोधी गतिविधियों को जारी रखा जाए।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने समझौते का स्वागत करते हुए कहा, “सीरिया के लोगों को इस उम्मीद का लंबे समय से इंतजार था। सीरिया में पांच वर्षो तक चले संघर्ष के बाद वहां के लोगों के दुखों को अब समाप्त किया जाना चाहिए। बान ने सभी पक्षों से इस समझौते का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया।”
उन्होंने कहा, “यदि इस समझौते का सम्मान किया गया तो यह सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 2254 (2015) के क्रियान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।” रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को टेलीविजन पर प्रसारित अपने भाषण में संघर्षविराम समझौते को सीरिया में पांच साल तक चले रक्तपात को समाप्त करने की दिशा में एक वास्तविक कदम बताया।
उन्होंने कहा कि रूस और अमेरिका एक सीधी संचार व्यवस्था की स्थापना करेंगे। यदि आवश्यक हुआ तो संघर्षविराम लागू हो जाने के बाद एक कार्यकारी समूह सूचनाओं का आदान-प्रदान करेगा। पुतिन ने कहा कि रूस सीरिया के नेतृत्व को प्रभावित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा। उन्होंने कहा, “हम अमेरिका पर भरोसा करते हैं कि वह अपने गठबंधन साझेदारों और समर्थित समूहों के साथ भी समान बर्ताव करे।”