पटना, 23 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित अन्य छात्रों को देशद्रोही मामले में ‘फंसाए जाने’ के विरोध में तथा कन्हैया की रिहाई की मांग को लेकर मंगलवार को वामपंथी दलों ने पटना सहित राज्य के अन्य शहरों में प्रतिरोध मार्च निकाला तथा सभाएं कीं। इस बीच कन्हैया के पैतृक जिले बेगूसराय में एकदिवसीय बंद का मिलाजुला असर देखा गया।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) समेत छह वामपंथी संगठनों ने पटना में कारगिल चौक से राजभवन मार्च निकाला। हालांकि पुलिस ने मार्च को जेपी गोलंबर के पास रोक दिया। इसके बाद पांच सदस्यीय एक शिष्टमंडल राजभवन जाकर राज्यपाल के नाम एक मांगपत्र सौंपा।
प्रतिरोध मार्च में शामिल नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार विभिन्न प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों की स्वायत्तता और अभिव्यक्ति की आजादी पर लगातार हमले कर रही है। वामपंथी छात्रों को निशाना बनाकर देश में अंध राष्ट्रवाद पैदा करने की कोशिश की जा रही है।
भाकपा (माले) के राज्य सचिव कुमार कुणाल ने कहा कि सारे वामदल फैलाए जा रहे उन्माद और देशप्रेम के नाम पर एकजुट हो रहे हैं। केंद्र सरकार के कार्य अघोषित आपातकाल के समान हैं।
इधर, बेगूसराय, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर में भी वामपंथी दल के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और कन्हैया की गिरफ्तारी का विरोध किया और उसकी जल्द रिहाई की मांग की। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इधर, खगड़िया और सिवान में भी वामपंथी दलों के नेता सड़कों पर उतरे और प्रतिरोध सभा का आयोजन किया गया।
इस बीच कन्हैया के गृह जिले बेगूसराय में वामपंथी दलों के एकदिवसीय बंद के आह्वान का मिलाजुला असर देखा गया। स्कूलों, कालेजों और दफ्तरों में उपस्थिति अन्य दिनों से कम रही। बंद समर्थक सुबह से ही सड़क पर उतर गए और बस अड्डे के पास वाहन रोककर राष्ट्रीय राजमार्ग-31 जाम कर दिया गया। बंद समर्थक सड़कों पर घूम-घूमकर दुकानदारों से दूकानें बंद करने की अपील की।
कन्हैया का घर बेगूसराय मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर बरौनी पुलिस थाने के तहत आता है। उनका घर बीहट गांव के मसनदपुर टोला में है। उल्लेखनीय है कि जेएनयू में देशविरोधी नारा लगाने के आरोप में कन्हैया देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद हैं।
बेगूसराय ऑल इंडिया स्टूंडेंट फेडरेशन (एआईएसएफ ) के नेता रामकृष्ण ने कहा कि केंद्र सरकार निर्दोष को देशद्रोही बना रही है। इसे देश कभी सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि एक दिवसीय बंद का आह्वान कन्हैया की तत्काल रिहाई के लिए किया गया।
सिंह ने कहा कि बंद के दौरान कन्हैया पर से देशद्रोह का आरोप हटाने की भी मांग की गई है।