ये पोस्टर सपा नेता अभिमन्यु गुप्ता ने लगवाए हैं। उनका कहना है कि पोस्टर लगने के बाद भी सांसद अगर शहर आ जाते हैं तो शहरवासियों को बड़ी खुशी होगी।
अभिमन्यु का कहना है कि शहर की जनता का दुर्भाग्य है कि जितने बड़े मार्जिन से उन्हें जिताया, उससे अधिक मार्जिन से सांसद जनता से दूर हो गए। चुनाव के बाद सांसद अब तक शहर में शायद ही 10-12 बार से अधिक आएं हों। ऐसे में जनता के विश्वास को धोखा दिए जाने को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वहीं भाजपा का कहना है कि कुछ लोग चर्चा में बने रहने के लिए इस तरह की हरकत कर रहे हैं।
भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने कहा, “जिनका कोई नाम नहीं जानता, वही लोग ऐसी हरकत कर रहे हैं। सांसद जी व उनके प्रतिनिधि बराबर लोगों की समस्याओं का निराकरण करते रहते हैं।”
पहले भी लग चुके हैं पोस्टर :
सांसद जोशी के खिलाफ पहले भी शहरवासियों ने ऐसे ही विरोध दर्ज करा चुके हैं। कभी लोग उनके लापता होने के पोस्टर लगाए जाते हैं तो कभी लोग बीच चौराहे पर यज्ञ-हवन कर विरोध दर्ज कराते हैं। शुक्रवार को वाल्मीकि समाज ने तो उनकी तेरहवीं कर लोगों को भोज भी खिलाया था।
पूर्व सांसद को लोगों ने किया याद :
पोस्टर देख शहरवासियों को तीन बार सांसद रहे व पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल याद आने लगे। काकादेव के रमेश द्विवेदी ने कहा कि शहर के यह पहले सांसद हैं जो जनता से दूरियां बनाए हुए हैं। श्रीप्रकाश कैबिनेट मंत्री रहते हुए भी हर हफ्ते रविवार को शहरवासियों की समस्याएं सुनते थे।
डॉ. जोशी पहले वाराणसी सीट से जीतते रहे हैं, मगर 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए ेउस सीट पर अपनी दावेदारी छोड़नी पड़ी थी। भाजपा के उपेक्षित बुजुर्ग नेताओं में डॉ. जोशी भी शामिल हैं। वह वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, शांता कुमार और यशवंत सिन्हा के सुर में सुर मिलाते हुए मौजूदा पार्टी नेतृत्व के फैसलों पर असहमति जताते रहे हैं।