चंडीगढ़, 22 फरवरी (आईएएनएस)। हरियाणा में सोमवार को फिर हिसा भड़क उठी। सोनीपत जिले में जाट प्रदर्शनकारी सेना से भिड़ गए जिसके बाद सेना को फायरिंग करनी पड़ी। जाटों ने सोमवार को एक बार फिर दिल्ली-अंबाला राजमार्ग को बाधित कर दिया। कुछ ही घंटे पहले इस राजमार्ग को इनके चंगुल से छुड़ाया गया था। राज्य में पिछले दस दिनों से जारी हिंसा में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली से महज 55 किलोमीटर के फासले पर स्थित सोनीपत जिले के लडसोली गांव के पास जाट प्रदर्शनकारियों ने सेना पर ईंट-पत्थर से धावा बोल दिया। सेना को फायरिंग करनी पड़ी जिसमें कुछ लोग घायल हुए हैं। यह घटना जाटों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या एक (एनएच-1) को फिर से बाधित करने के बाद हुई।
हरियाणा के शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने सोमवार को कहा कि राज्य में बीते एक हफ्ते में जाटों के आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा में 16 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि हरियाणा मंत्रिमंडल की सोमवार को बैठक हुई। इसमें जाट आंदोलन के बाद के हालात की समीक्षा की गई।
सेना ने सोमवार सुबह जाट आंदोलनकारियों को खदेड़कर सोनीपत जिले में मुनक नहर को अपने नियंत्रण में लिया। इसी नहर से दिल्ली को पानी की आपूर्ति की जाती है। नहर से प्रदर्शनकारियों को हटाने के बाद दिल्ली को पानी की आंशिक आपूर्ति बहाल की जा सकी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, “मुनक नहर की हिफाजत करने के लिए सेना और केंद्र का धन्यवाद। दिल्ली के लिए बहुत बड़ी राहत की बात है।”
रोहतक और कुछ अन्य जगहों पर सोमवार को फिर से हिंसा की घटनाओं के बाद तनाव फैल गया।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि जाटों ने अभी भी सड़क और रेल यातायात को कुछ जगहों पर बाधित किया हुआ है।
दिल्ली-हिसार राजमार्ग (एनएच-10) को रोहतक से 25 किलोमीटर के फासले पर स्थित संपाला के पास बाधित किया गया है।
कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिह हुड्डा ने सोमवार को रोहतक शहर जाने की कोशिश की लेकिन उन्हें टिकरी सीमा (दिल्ली और रोहतक के बीच) पर सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया।
अधिकारियों का कहना है कि राज्य के कई हिस्सों में हालात सामान्य भी हो रहे हैं। रोहतक में कर्फ्यू में एक घंटे की छूट दी गई। हिसार और हांसी शहरों से कर्फ्यू हटा लिया गया है।
राज्य में जगह-जगह सेना और अर्धसैनिक बल के जवान गश्त लगा रहे हैं।
पिछले तीन दिनों से सोनीपत और पानीपत जिलों में राजमार्ग पर आंदोलनकारियों के जमे होने की वजह से एनच-1 पर हजारों लोग और वाहन फंसे हुए हैं। इस वजह से हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर और चंडीगढ़ का सड़क संपर्क टूट गया है।
वहीं, रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली-अंबाला और दिल्ली-बठिंडा सेक्शन पर रेल यातायात बहाल करने में अभी कुछ और समय लग सकता है, क्योंकि पहले पटरियों की मरम्मत और निरीक्षण करना पड़ेगा। आंदोलनकारियों ने अलग-अलग जगहों पर रेल पटरियां उखाड़ दी थीं।
जाट आंदोलन की वजह से करीब 900 ट्रेनें रद्द हैं।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि रविवार को भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा जाटों को आरक्षण देने का ऐलान करने के बाद प्रदर्शनों की तीव्रता में कमी आई है। कुछ प्रदर्शनकारियों ने सोमवार तड़के अपने ठिकानों की ओर लौटना शुरू कर दिया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जाट समुदाय को आरक्षण देने का वादा किया है और आश्वासन दिया है कि हरियाणा विधानसभा में अगले सत्र में इस बाबत एक विधेयक लाया जाएगा। जाट समुदाय के नेताओं ने आंदोलनकारियों से आंदोलन खत्म करने की अपील की है।
कई जगहों पर हालांकि अब भी युवा जाटों ने रास्तों को बाधित किया हुआ है। उनका कहना है कि जब तक वे हरियाणा सरकार की तरफ से ‘कार्रवाई’ होते नहीं देखेंगे, तब तक नहीं मानेंगे।
आंदोलन के दौरान बहुत बड़े पैमाने पर आगजनी और लूटपाट की घटनाओं में करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है। बड़ी संख्या में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को फूंक दिया गया है। कई सरकारी और निजी वाहनों को आग के हवाले किया जा चुका है। रेलवे की संपत्ति को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया गया है।