लखनऊ, 22 फरवरी (आईएएनएस)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने सोमवार को कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) को संत रविदास जयंती मनाने का नैतिक अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि सपा ने सत्ता में आते ही संत रविदास के नाम पर बसपा सरकार द्वारा रखे गए भदोही जिले का नाम तक बदल दिया, इसलिए सपा ने संत रविदास की जयंती मनाने का नैतिक अधिकार खो दिया है।
मायावती ने सोमवार को एक बयान में कहा, “सामाजिक परिवर्तन के संतों में जाने-माने संत रविदास ने अपना सारा जीवन इंसानियत का संदेश देने में गुजारा और जाति भेद के खिलाफ वह आजीवन कड़ा संघर्ष करते रहे।”
मायावती ने कहा कि आज के संकीर्ण व जातिवादी दौर में उनके मानवतावादी संदेश व उपदेश की बहुत ही ज्यादा अहमियत है और मन को हर लिहाज से वाकई चंगा करने की जरूरत है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा, “अपने कर्म के बल पर महान संतगुरु बने संत रविदास ने सामाजिक परिवर्तन व मानवता के मूल्यों को अपनाने व उसके विकास के लिए लोगों में जो अलख जगाया, उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। यही कारण है कि आज हर जगह बड़ी संख्या में उनके अनुयायी मौजूद हैं।”
संतगुरु रविदास की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अनेक नेताओं की उनके जन्मस्थली पर हाजिरी और वहां माथा टेकने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मायावती ने कहा कि वास्तव में उनके आदर्शो व कमोर्ं को अपनाकर ही आदमी से इंसान बना जा सकता है।
उन्होंने कहा कि संतगुरु रविदास के जन्मदिन पर वहां माथा टेकने के साथ-साथ नेताओं को उनके आदर्शो पर भी अमल करने का प्रयास करना चाहिए, तभी देश के गरीबों व शोषित जनता का सही भला होगा।