रणबीर कपूर की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘ये जवानी है दीवानी’ आज रिलीज हो गई है। इस फिल्म में वह दीपिका पादुकोण के साथ नजर आ रहे हैं। दीपिका के साथ उनका ब्रेकअप हो चुका है। ब्रेकअप के बाद उनके साथ फिल्म करने का अनुभव कैसा रहा है इसे रणबीर कपूर शेयर कर रहे हैं।
रणबीर आप इस फिल्म में बेहद खुश नजर आ रहे हैं। वजह फिल्म की कहानी है या दीपिका?
दोनों ही। जी हां, मुझे दोनों से ही प्रेम है। दीपिका मेरी बेहद अच्छी दोस्त है। कभी हम साथ थे। एक कपल की तरह। आज साथ हैं दोस्त की तरह। मैं दीपिका के साथ काम करके बेहद खुश हूं। मुझे लगता है कि वह दुनिया की सबसे फेवरिट को-स्टार होगी मेरी। क्योंकि मैं उसे छह सालों से जानता हूं और उसके साथ कंफर्ट लेवल है मेरा।
दूसरी बात जहां तक इस फिल्म की कहानी की है तो मुझे अयान मुखर्जी के कहानी कहने का अंदाज पसंद आता है। वह मेरा हमउम्र है और वह जिस उम्र का है वह उसी उम्र की कहानी कहता है। वह इंटलैक्चुअल बनने की कोशिश नहीं करता। इसलिए मुझे पसंद है।
फिल्म ‘ये जवानी है दीवानी’ के बारे में बताएं?
‘ये जवानी है दीवानी’ उस हर व्यक्ति की कहानी है जो सेलिब्रेशन में विश्वास रखते हैं। जिनके लिए जिंदगी का मतलब केवल अफसोस करना नहीं। एडवेंचर करना है। फिल्म में मेरा एक संवाद है कि जब तक बुढ़ापा न आये चलो बदतमीजी ही कर लेते हैं। यहां मेरे कहने का मतलब ये नहीं कि चलो यार किसी लड़की को छेड़ आते हैं।
इसका मतलब यह है कि जिंदगी को डिस्पीलिन के साथ नहीं जीना है। रुल फॉलो नहीं करना। और प्लानिंग नहीं करना मेरे लिए बदतमीजी है। मैं खुद 28 साल का हूं और मुझे लगता है कि 30 से पहले का जो वक्त होता है। वह अलग होता है। इसके बाद हर कोई नयी जिम्मेदारियों में बंध जाता है। तो इससे पहले अपनी जिंदगी को खूब जीना चाहिए।
आप फिल्म में बनी के किरदार से खुद को कितना रिलेट कर पाते हैं?
बहुत हद तक। रियल लाइफ में मुझे पार्टी में सांग सुनने भर की देरी है। इसके बाद तो मैं जब शुरू होता हूं तो डांस करता ही जाता हूं। अयान से मैंने स्पेशली कहा था कि इस फिल्म में गाने वैसे हों जिसमें खूब मस्ती कर सकें हम। दरअसल, मेरे लिए फिल्म ‘ये जवानी है दीवानी’ एक पिकनिक टूर की तरह रहा। मैंने इस फिल्म में वे सारी चीजें हरकतें, बदमाशियां की है जो शायद ही मैंने किसी और फिल्म में की हो।
मैं ऊंचाई से डरता हूं। ऊंचाई से नीचे तो बिल्कुल नहीं जा सकता। लेकिन अयान ने मुझसे जबरन एक सीन करवाया है। मैंने डर डर कर उसे किया। तो कहूंगा कि एक नया अनुभव इस फिल्म के साथ।
हमने कश्मीर, हिमाचल सारे जगहों पर शूटिंग की है। बहुत बहुत मजा आया है। आप फिल्म देखेंगे तो आप खुश हो जायेंगे। फील गुड फिल्म है। इसलिए मुझे पसंद है। मैं बनी की तरह ही हूं रियल लाइफ में भी। हां, मगर अपने काम को लेकर काफी सीरियस हूं और मुझे लगता है कि सीरियस काम को लेकर होनी चाहिए।
रणबीर कपूर अब ब्रांड बन चुके हैं। उन्हें कपूर खानदान के टैग की जरूरत है या नहीं?
बहुत। मुझे लगता है कि मैं मेहनत कर रहा हूं। लेकिन लोग अब भी मेरे खानदान की ही बात करते हैं। मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे ऐसा परिवार मिला। लेकिन मैं अपने दम पर ब्रांड रणबीर कपूर बनना चाहता हूं। अपनी पहचान। लोग मुझसे मेरे खानदान को जाने। मेरी ऐसी फिल्में हैं जो लोग मुझे याद रखें।
आप खुद को डायरेर्क्ट्स एक्टर मानते हैं, इसकी कोई खास वजह?
मुझे लगता है कि मैं डायरेक्टर्स के माइंड को समझ पाता हूं। उन्हें जो चाहिए मैं दे पाता हूं। इसके लिए एक बात याद रखता हूं कि पहली फिल्म में क्या था। वह भूलना होगा मुझे। ‘रॉकस्टार’ के बाद मैं जॉर्डन को भूल गया। बर्फी याद रखी। बनी करते वक्त ‘बर्फी’ का किरदार भूलना होगा। वरना सब मिक्सड मैच हो जायेगा।
आप फिल्मों का चुनाव बेहद सोच समझ कर कर रहे हैं। अब तक आपने बेहद कम फिल्में की हैं।
मुझे लगता है कि अब वह दौर जा चुका है। जब दर्शकों को अपने किसी स्टार के बारे में कई बातें जानने की इच्छा होती होगी। मिस्ट्री हीरो का दौर जा चुका है। आजकल सोशल नेटवर्किंग साइट्स के माध्यम से सभी एक दूसरों को पूरी तरह से जानने लगे हैं।
मैं ऐसा नहीं चाहता। मैं ज्यादा दिखना नहीं चाहता। मेरा मानना है कि दर्शक बोर हो जायेंगे। मैं खुद को सिर्फ फिल्मों में दिखाना चाहता हूं। सो, ज्यादा पीआर भी नहीं करता। न ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर हूं। दर्शकों को बार बार नया देना चाहता हूं। इसलिए नहीं दिखता।
इतनी लोकप्रियता हासिल करने के बाद अब अपने को कहां देखते हैं?
मैं जब छोटा था। मैं देखता था कि मेरे पापा से लोग आटोग्राफ लेने के लिए किस तरह तरसते थे। मिलने पर वह खुश्ा हो जाते थे। कभी कभी पापा की इच्छा न हुई और वह मना करते तो वह फैन कैसे दुखी होता था। उस दिन मैंने तय किया था कि मैं कभी अपने फैन को नाराज नहीं करूंगा।
मेरे लिए एक आटोग्राफ देने में दो सेकेंड का भी वक्त नहीं लगेगा। लेकिन उनके लिए वह बड़ी चीज होती है। दूसरी बात है कि मैं अपने बड़ों का सम्मान करना पसंद करता हूं। अभी मैं कोई महान काम नहीं कर रहा है।
दीपिका के साथ आप दोबारा काम कर रहे हैं। कितना कंफर्ट लेवल था। पुरानी यादें ताजा हुईं?
दीपिका जैसी लड़कियां रियल लाइफ में बहुत कम मिलती हैं। वह काफी मैच्योर है। हर व्यक्ति की एक अपब्रिगिंग होती है। थॉट पर्सनैलिटी होती है। मेरा मानना है कि दीपिका काफी मैच्योर हैं और उन्हें दुनियादारी की समझ मुझसे ज्यादा है।हम आज भी अच्छे दोस्त हैं।
वे मुझसे अधिक रिश्तों की अहमियत को समझती हैं। इस फिल्म में हम ब्रेकअप के बाद भी कैसे साथ साथ काम कर पाये तो मैं कहना चाहूंगा कि वहां हम एक्टिंग कर रहे होते हैं। अयान हम दोनों के कॉमन फ्रेंड हैं और वे जानते हैं कि उन्हें किस तरह से हमारी कहानी को दिखाना है।
रणबीर आप बतौर एक्टर तो काफी पसंद किये जाते हैं। लेकिन आपकी छवि कैसनोवा की हो गयी है?
मैं क्या आपसे कभी यह पूछता हूं कि आपने आज कितनी रोटी खायी। फिर मीडिया हद से अधिक हमारे पर्सनल लाइफ में क्यों झांकता है। यार हमारे काम के बारे में बात करो न। हमारी गलत छवि प्रस्तुत कर मीडिया क्या साबित कर लेता है। मुझे इस बात से खीझ होती है।
आपके पापा ऋषि कपूर ने कहा था कि उन्हें आपके फिल्मों के चयन से डर लगता है। आप जिस किस्म की फिल्में चुन रहे हैं उन्हें लगता है कि आप गलती कर रहे हैं?
कपूर खानदान में यह परंपरा रही है कि यहां कभी किसी को किसी काम के लिए ऑर्डर नहीं दिया जाता। आजादी है आपको अपने काम को चुनने की। तो मुझे लगता है कि पापा मेरे पिता हैं और हर माता पिता को बच्चों के करियर की चिंता होती है।
उनकी चिंता वाजिब हैं। लेकिन वे भी जानते हैं कि मैं जो भी करूंगा गलती या सही अपने दम पर करूंगा। तो उससे सीखूंगा ही। वैसे पापा मेरी फिल्मों से काफी खुश हैं। उन्होंने कभी मुझे कुछ सिखाने की कोशिश नहीं की है।
आपकी आनेवाली फिल्में कौन-कौन सी हैं?
‘बेशरम’, ‘बांबे वेल्वेट’। दोनों फिल्मों को लेकर बहुत उत्साहित हूं। अनुराग बासु के साथ एक और फिल्म पर बात चल रही है।