नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को इस बात पर चिंता जताई कि संसद की कार्यवाही बाधित होने के कारण बहुत सारे सुधार विधेयक लटके हुए हैं।
नई दिल्ली, 19 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को इस बात पर चिंता जताई कि संसद की कार्यवाही बाधित होने के कारण बहुत सारे सुधार विधेयक लटके हुए हैं।
नकवी ने कहा कि जन कल्याण और देश के सामाजिक-आर्थिक विकास से जुड़े कई सुधार विधेयक संसद की कार्यवाही बाधित करने की वहज से लंबित हैं। संसदीय कार्य राज्यमंत्री नकवी उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित एमिटी यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित ‘यूथ पार्लियामेंट -एमिटी मॉक पार्लियामेंट-2016’ को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बहस और चर्चा किसी भी संसदीय लोकतंत्र के लिए जरूरी है। लेकिन बहस में हावी होने के लिए विरोध की, उसे बाधित करने की और हंगामा करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संसद लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर है। यह जनहित और उनकी आकांक्षाओं से जुड़े मुद्दों से निपटने वाला सबसे प्रभावशाली संवैधानिक संस्थान भी है।
रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) संशोधन विधेयक, 2013 और वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक राजनीतिक तकरार की वजह से लटके हुए हैं।
मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र यानी पिछले दो सत्र बिना किसी ठोस वजह के हुल्लड़बाजी की भेंट चढ़ गए।
हालांकि, विचारधारा में मतभेद के बावजूद अधिकांश राजनीतिक दल राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे पर एकजुट हैं।
यही भारतीय लोकतंत्र और संसदीय मूल्यों की शक्ति है।
सरकारी आकलन के मुताबिक लोकसभा की एक घंटे की कार्यवाही पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये और राज्यसभा की एक घंटे की कार्यवाही पर करीब एक करोड़ दस लाख रुपये खर्च आता है।