प्रभावितों की सुख-सुविधा सरकार की प्राथमिकता : मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ ओंकारेश्वर सिंचाई परियोजना डूब प्रभावितों के लिये 212 करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि परियोजनाओं की डूब से प्रभावित परिवारों की सुख-सुविधा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पैकेज का लाभ जलाशय क्षेत्र में वर्तमान में निवासरत् परिवारों सहित उन सभी परिवारों को भी मिलेगा जो पूर्व में जलाशय क्षेत्र से विस्थापित हो चुके हैं। ज्ञात हो कि ओंकारेश्वर परियोजना डूब प्रभावित परिवारों को पुनर्वास नीति के अनुसार अपनी अचल संपत्ति के मुआवजे के अलावा पुनर्वास नीति के अनुसार विभिन्न मदों में लाभ राशि का वितरण वर्ष 2007-08 तक कर किया गया है। अधिकांश परिवार जलाशय क्षेत्र से विस्थापित हो गये हैं। लगभग 2500 परिवारों ने अतिरिक्त आर्थिक लाभ की माँग करते हुए जलाशय क्षेत्र रिक्त नहीं किया है।
उल्लेखनीय है कि इन परिवारों की माँग पर मुख्यमंत्री ने गत दिनों केबिनेट मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय की अध्यक्षता में उच्च-स्तरीय समिति गठित की थी। नर्मदा घाटी विकास विभाग के राज्य मंत्री श्री के.एल. अग्रवाल और तत्कालीन आदिम जाति कल्याण मंत्री कुँवर विजय शाह इसके सदस्य बनाये गये थे। समिति ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री को अपनी अनुशंसाएँ प्रस्तुत की थीं।
मुख्यमंत्री द्वारा घोषित विशेष आर्थिक राहत पैकेज के अनुसार डूब प्रभावित परिवारों को निम्नानुसार अतिरिक्त आर्थिक लाभ मिलेगा:-
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जिन परिवारों की एक एकड़ तक कृषि भूमि अधिग्रहीत की गई है ऐसे प्रत्येक परिवार को 2 लाख रुपये।
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जिन परिवारों की एक एकड़ से 10 एकड़ तक की कृषि भूमि अधिग्रहीत की गई है उन्हें 2 लाख रुपये प्रति एकड़ के मान से अतिरिक्त राशि प्रदाय की जायेगी।
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जिन परिवारों की 10 एकड़ से अधिक भूमि अधिग्रहीत हुई है उन्हें भी 2 लाख रुपये प्रति एकड़ के मान से राशि मिलेगी लेकिन यह राशि अधिकतम 20 लाख रुपये तक सीमित होगी।
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डूब प्रभावित भूमिहीन मजदूर परिवारों को रोजगारमूलक सम्पत्ति क्रय करने के लिये कुल 2 लाख 50 हजार रुपये प्रति परिवार दिया जायेगा।
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जो परिवार आवासीय भूखण्ड के बदले पूर्व में दी गई राशि लौटायेंगे उन परिवारों को भूखण्ड के बदले 50 हजार रुपए दिये जायेंगे।
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कुछ परिवार ऐसे भी हैं जिनकी अचल सम्पत्ति के रूप में केवल मकान ही अधिग्रहीत कर उसका मुआवजा दिया गया है। इसके अतिरिक्त उसे अन्य किसी मद में सहायता नहीं मिली है। ऐसे प्रत्येक परिवार को 50 हजार की राहत राशि उपलब्ध करवाई जायेगी।
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जलाशय क्षेत्र में बसे परिवारों को स्थान रिक्त करने पर अपने घरेलू सामान के परिवहन के लिये आवश्यक परिवहन सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध कराई जायेगी। जो परिवार परिवहन सुविधा न लेते हुये अपने साधनों से सामान परिवहन करेंगे उन परिवारों को परिवहन अनुदान के रूप में प्रति परिवार रुपये 5 हजार मिल सकेगा।
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ओंकारेश्वर परियोजना के लिये घोषित इस पैकेज का लाभ जलाशय क्षेत्र में बसे परिवारों को तभी उपलब्ध होगा जब वे 15 जुलाई, 2013 के पूर्व जलाशय क्षेत्र रिक्त करते हुये संबंधित भू-अर्जन अधिकारी से तत्संबंधी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेंगे। इस प्रकार का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर संबंधित परिवार को पैकेज में उल्लेखित पात्रतानुसार राशि का तत्काल भुगतान कर दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि परियोजना एवं प्लांट में जो नये रोजगार सृजित होंगे उनमें स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाये। ऐसे निर्देश शीघ्र ही प्रसारित किये जायेंगे। उन्होंने ओंकारेश्वर परियोजना डूब प्रभावित परिवारों से अपील की है कि वे निर्धारित समयावधि में इस पैकेज का लाभ लेकर प्रदेश के व्यापक हित में जलाशय क्षेत्र को रिक्त कर दें। ओंकारेश्वर परियोजना से खरगोन, धार और खण्डवा जिले में एक लाख 47 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्मित होगी।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक श्री लोकेन्द्र सिंह और श्री नंद कुमार सिंह चौहान ने भी अपने विचार व्यक्त किये। डूब प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों की ओर से श्री सूरज पाल सिंह ने भी जन-आकांक्षाओं को व्यक्त किया।