बैंकाक, 16 फरवरी (आईएएनएस)। बीते साल अगस्त महीने में यहां 20 लोगों की जान लेने वाले आतंकी हमले के दो आरोपियों को मंगलवार को थाईलैंड की सैन्य अदालत में पेश किया गया।
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, आरोपी मोहम्मद बिलाल और यूसुफू मीरअली पर साजिश, पूर्व नियोजित हत्या और विस्फोटक रखने समेत 10 आरोप लगाए गए हैं।
पुलिस का कहना है कि दोनों आरोपियों ने 17 अगस्त, 2015 को हुए हमले में अपनी भूमिका को कबूला है। लेकिन, इनके वकील का कहना है कि आरोपियों को यह बात अत्याचार की वजह से कबूलनी पड़ी।
अधिकारियों का कहना है कि दोनों आरोपियों का संबंध चीन के शिनजियांग की मुस्लिम जाति उइगर से है। हमले के सिलसिले में केवल इन्हें ही गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि मानव तस्करी के खिलाफ पुलिस के अभियान का बदला लेने के लिए ये हमले किए गए थे।
पुलिस का मानना है कि घटनास्थल के सीसीटीवी में कैद पीली टी-शर्ट वाला आदमी बिलाल ही है। उसी ने मंदिर परिसर में बम रखा था। मीरअली ने बमों में विस्फोट किया था।
इस हमले की किसी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली। पुलिस और सैन्य शासकों के विरोधाभासी बयानों और जांच में बरती गई अनियमितताओं की वजह से इस मामले ने कई अटकलों को जन्म दिया है।
एक थ्योरी में अनुमान लगाया गया है कि हमले का संबंध 100 उइगर मुसलमानों को देश वापस भेजने से है। ये सभी शरण के लिए तुर्की जाना चाहते थे। हमले का शिकार हुआ मंदिर चीनी पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है।