नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) परिसर में चली कथित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) से जांच कराने से इंकार कर दिया।
न्यायमूर्ति मनमोहन ने इस याचिका को ‘अपरिपक्व’ करार देते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस पहले से मामले की जांच कर रही है।
उन्होंने कहा, “यह घटना नौ फरवरी को हुई थी। इस अदालत को यकीन है कि दिल्ली पुलिस सभी पहलुओं की जांच करेगी। याचिकाकर्ता ने किसी भी सरकार के प्रतिनिधित्व की नुमाइंदगी के बिना अदालत का दरवाजा खटखटाया है। यह याचिका अपरिपक्व है।”
न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा, “मैं इस स्तर पर हस्तक्षेप नहीं कर रहा हूं। इसकी जांच दिल्ली पुलिस को ही करने दें। एनआईए का हस्तक्षेप करना जल्दबाजी होगी। यह घटना नौ फरवरी की है। “
केंद्र सरकार के अधिवक्ता अनिल सोनी और दिल्ली पुलिस के वकील राहुल मेहरा ने अदालत को बताया कि पुलिस इसकी जांच कर रही है कि जेएनयू परिसर में राष्ट्र विरोधी नारेबाजी किसने की और कौन इसके पीछे कौन था।
याचिका में जेएनयू में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की एनआईए से और न्यायिक जांच की मांग की गई थी।
अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने मामले पर नजर रखने के लिए एक न्यायिक आयोग की नियुक्ति की भी मांग की।